Ocular Hypertension: आंख से जुड़ी समस्या ऑक्युलर हायपरटेंशन क्या है और इससे बचाव कैसे संभव है?
Ocular Hypertension: ऑक्युलर हायपरटेंशन में आंखों में फ्लूइड का प्रेशर बहुत अधिक हो जाता है। इसके कारण विजन लॉस और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इस परेशानी से बचाव संभव नहीं है, लेकिन नियमित चेकअप से कॉम्प्लीकेशन्स को कम किया जा सकता है। चलिए जानते हैं आंखों से जुड़ी इस समस्या के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
ऑक्युलर हायपरटेंशन से बचाव कैसे करें?
मुख्य बातें
- ऑक्युलर हायपरटेंशन की समस्या तब होती है जब आंखों में फ्लूइड का प्रेशर बहुत अधिक हो जाता है।
- ऑक्युलर हायपरटेंशन की समस्या विजन प्रॉब्लम का कारण भी बन सकती है।
- नियमित आई चेकअप से आपकी इसकी संभावना को कम किया जा सकता है।
ऑक्युलर हायपरटेंशन के लक्षण क्या हैं?
ऑक्युलर हायपरटेंशन के आमतौर पर कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसकी वजह से इस समस्या के होने के बाद भी इसके बारे में जानकारी न होना सामान्य है। यही कारण है कि नियमित आई एग्जाम जरूरी है। रूटीन आई एग्जाम के दौरान आई प्रेशर को मेजर करना उन टेस्ट्स में से एक है, जिसकी सलाह डॉक्टर देते हैं। इंट्राऑक्युलर प्रेशर को मेजर करने के लिए एक सिम्पल टेस्ट को किया जाता है जिसे टोनोमेट्री कहा जाता है। इसके साथ ही ऑप्टिक नर्व और पेरीफेरल विजन की जांच भी की जाती है।
ऑक्युलर हायपरटेंशन से कैसे बचें?
ऑक्युलर हायपरटेंशन से बचना पॉसिबल नहीं है। लेकिन, ग्लूकोमा से बचाव के लिए नियमित आंखों की जांच कराना जरूरी है। इससे इस समस्या का निदान जल्दी हो सकता है। इसके साथ अपनी आंखों ही हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए कुछ आसान उपाय आपके काम आ सकते हैं जैसे सही आहार का सेवन और आंखों की एक्सरसाइज करना। इसके साथ ही डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का जरूर करें।
संक्षेप में कहा जाए तो ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या तब होती है जब आंखों में प्रेशर सामान्य से अधिक होता है। इस समस्या के कारण आंख के सामने का हिस्सा फ्लूइड को ठीक से ड्रेन नहीं कर पाता है। इसके कारण आंखों का प्रेशर बढ़ जाता है। इसके कारण विजन लॉस तक हो सकता है। इससे बचा नहीं जा सकता। लेकिन, नियमित आई चेकअप से इसकी संभावना को कम किया जा सकता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited