Ocular Hypertension: आंख से जुड़ी समस्या ऑक्युलर हायपरटेंशन क्या है और इससे बचाव कैसे संभव है?

Ocular Hypertension: ऑक्युलर हायपरटेंशन में आंखों में फ्लूइड का प्रेशर बहुत अधिक हो जाता है। इसके कारण विजन लॉस और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इस परेशानी से बचाव संभव नहीं है, लेकिन नियमित चेकअप से कॉम्प्लीकेशन्स को कम किया जा सकता है। चलिए जानते हैं आंखों से जुड़ी इस समस्या के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।

ऑक्युलर हायपरटेंशन से बचाव कैसे करें?

मुख्य बातें
  • ऑक्युलर हायपरटेंशन की समस्या तब होती है जब आंखों में फ्लूइड का प्रेशर बहुत अधिक हो जाता है।
  • ऑक्युलर हायपरटेंशन की समस्या विजन प्रॉब्लम का कारण भी बन सकती है।
  • नियमित आई चेकअप से आपकी इसकी संभावना को कम किया जा सकता है।


Ocular Hypertension: ऑक्युलर हायपरटेंशन की समस्या तब होती है जब आंखों में फ्लूइड का प्रेशर बहुत अधिक हो जाता है। इसमें कई बार रोगी में कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, बिना ट्रीटमेंट के इससे ऑप्टिक नर्व डैमेज हो सकती है और ग्लूकोमा हो सकता है। हालांकि, ऑक्युलर हायपरटेंशन रोग ग्लूकोमा जैसा नहीं होता लेकिन यह समस्या विजन प्रॉब्लम का कारण भी बन सकती है। इसके लिए नियमित आंखों की जांच जरूरी है। यह समस्या आंखों में प्रेशर के कारण होती है, जिसे इंट्राऑक्युलर प्रेशर कहा जाता है। इसके कारण एक या दोनों आंखें प्रभावित हो सकती हैं। आइए जानें ऑक्युलर हायपरटेंशन के लक्षणों के बारे में और जानते हैं कि इससे कैसे बचा जा सकता है?
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ऑक्युलर हायपरटेंशन के लक्षण क्या हैं?
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