जॉन्डिस नहीं इस बीमारी में भी पीली पड़ती है त्वचा, अचानक तेज होती नब्ज और घबराहट भी हैं इसके लक्षण
Hypoglycemia in Hindi : हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थित है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर का स्तर काफी कम हो जाता है। इसकी वजह से मरीजों को काफी घबराहट, बेचैनी और मतली जैसा अनुभव हो सकता है। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श की जरूरत होती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
हाइपोग्लाइसीमिया क्या है?
- हाइपोग्लाइसीमिया की वजह से स्किन का रंग हो सकता है पीला
- ब्लड शुगर का स्तर कम होने की स्थिति को कहते हैं हाइपोग्लाइसीमिया
- हाइपोग्लाइसीमिया के कारण मरीजों को हो सकती है मतली की परेशानी
क्या है हाइपोग्लाइसीमिया?
हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का लेवल मानक सीमा से कम होने लगता है। हमारे शरीर में ग्लूकोज ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना जाता है। शरीर में अगर ग्लूकोज का स्तर 70 mg/dL से नीचे गिर जाए, तो इस स्थिति को निम्न रक्त शर्करा कहते हैं। डायबिटीज के उपचार के दौरान इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके अलावा हाइपोग्लाइसीमिया के कई अन्य कारण हो सकते हैं, जिसमें अन्य दवाइयों का सेवन, कम खाना, अधिक परिश्रम शामिल है।
हाइपोग्लोसीमिया के कारण
शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम होने के कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके मुख्य कारणों के बारे में-
- अधिक इंसुलिन लेना।
- इंसुलिन लेने का समय।
- इंसुलिन के अनुसार पर्याप्त कार्ब्स नहीं खाना।
- खाने और दवाओं में बिना परिवर्तन किए व्यायाम या शारीरिक गतिविधि बढ़ाना
- अधिक शारीरिक गतिविधि, या देर तक व्यायाम करना
- शराब पीना, खासकर खाली पेट
- गर्म और उमस भरा मौसम।
- खाने में फैट, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा।
- ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर जाना।
- शेड्यूल में अचानक बदलाव।
- प्यूबर्टी और मासिक धर्म इत्यादि।
हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण क्या हैं?
हाइपोग्लाइसीमिया के कई लक्षण हो सकते हैं। इसकी वजह से स्किन का पीलापन बढ़ सकता है। इसके अलावा कई अन्य लक्षण शामिल हैं, जो निम्न हैं-
- जी मिचलाना
- बिना वजह शरीर से पसीना आना
- काफी ज्यादा कमजोरी महसूस होना
- सिरदर्द होना
- घबराहट और भ्रम की भावना
- शरीर में काफी ज्यादा कंपन, इत्यादि।
हाइपोग्लाइसीमिया के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। वहीं, अगर आपको पहले से डायबिटीज की परेशानी है तो डॉक्टर के सलाहनुसार दवाओं और लाइफस्टाइल को फॉलो करें। ताकि आपको किसी भी तरह की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सके।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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