Irritable Male Syndrome: इरिटेबल मेल सिंड्रोम क्या है और क्या हो सकते हैं इसके लक्षण

Irritable Male Syndrome: इरिटेबल मेल सिंड्रोम को मेल मेनोपॉज भी कहा जाता है। इसके कारण रोगी कई समस्याओं का सामना करता है जैसे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, सोने मे परेशानी, ऊर्जा में कमी, मूड स्विंग्स गुस्सा आना या फिर ऐसे ही कई अन्य लक्षण जो व्यक्ति को परेशान कर सकते हैं।

Irritable Male Syndrome

इरिटेबल मेल सिंड्रोम

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • इरिटेबल मेल सिंड्रोम को मेल मेनोपॉज या एंड्रोपॉज भी कहा जाता है।
  • इरिटेबल मेल सिंड्रोम का रिश्तों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।
  • गुस्सा, अधीरता, एंजाइटी, टेंशन, अनलविंगनेस, दुःख, असंतोष आदि इसके कुछ लक्षण हैं।
Irritable Male Syndrome: इरिटेबल मेल सिंड्रोम को मेल मेनोपॉज या एंड्रोपॉज भी कहा जाता है। यह वो कॉमन टर्म है, जिसका इस्तेमाल पुरुषों में मूड स्विंग्स के रूप में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह समस्या पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने के कारण होती है। टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है, जो मेल रिप्रोडक्टिव डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। फीमेल मेनोपॉज की तरह एंड्रोपॉज में पुरुषों में शारीरिक और इमोशनल बदलाव आते हैं, जो हार्मोन के स्तर में चेंजेज पर निर्भर होते हैं। इरिटेबल मेल सिंड्रोम का रिश्तों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इस समस्या के इलाज और सुधार से पहले इसके लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षणों के बारे में।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
इरिटेबल मेल सिंड्रोम के नाम से ही पता चल रहा है इसका सबसे बड़ा लक्षण है इरिटेबिलिटी। इसके कई लक्षण इस प्रकार हैं
  • गुस्सा
  • अधीरता
  • एंजाइटी
  • टेंशन
  • अनलविंगनेस
  • दुःख
  • असंतोष
  • डिमांडिंगनेस
  • आत्मविश्वास की कमी
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
  • सेक्स ड्राइव में कमी
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी इस समस्या में नजर आ सकते हैं।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम को कैसे मैनेज करें?
इरिटेबल मेल सिंड्रोम को मैनेज करने के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानें और डॉक्टर की सलाह लें। इसके अलावा इसे मैनेज करने के लिए तरीके इस प्रकार हैं:
  • खुद में आने वाले परिवर्तनों को पहचानें और उन्हें स्वीकार करें।
  • टेस्टोस्टेरोन लेवल टेस्ट को कराएं और सही थेरेपी लें।
  • शांत रहने के लिए मेडिटेशन, योगा और ब्रीदिंग टेक्निक्स का सहारा लें।
  • नियमित एक्सरसाइज करें।
  • अपने आहार में फल, सब्जियों, साबुत अनाज आदि को शामिल करना न भूलें और जंक -फूड व प्रोसेस्ड फूड को खाने से बचें।
  • सपोर्ट ग्रुप को ज्वाइन करें।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, हेल्दी लाइफस्टाइल और काउन्सलिंग का कॉम्बिनेशन इरिटेबल मेल सिंड्रोम को मैनेज करने और अपने रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इस रोग के लक्षणों के बारे में डॉक्टर और अपने पार्टनर से खुल कर बात करना भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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