​दूध पचाने में होती है दिक्कत? पीते ही हो जाता है पेट खराब तो हो सकती है ये खतरनाक बीमारी, जानें क्या हो सकते हैं कारण

What Is Lactose Intolerance In Hindi: कई लोगों में ये समस्या देखने को मिलती है कि दूध या किसी और डेयरी उत्पाद का सेवन करने के बाद उनका पेट खराब हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आपको बता दें कि इसके पीछे का कारण एक गंभीर बीमारी हो सकती है। यहां जानें क्या है ये बीमारी..

What Is Lactose Intolerance In Hindi

What Is Lactose Intolerance In Hindi: बहुत से लोगों को दूध पीने के बाद पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा उन लोगों के साथ देखने को मिलती है, जिन्हें दूध से एलर्जी होती है। इस समस्या को मेडिकल भाषा में लैक्टोज इंटॉलरेंस कहते हैं। इसमें हमारा पेट दूध या दूध से बनने वाली चीजें पचा नहीं पाता है। दूध में एक प्रकार की प्राकृतिक शुगर होती है, जिसे ‘लैक्टोज’ कहते हैं। इसी लैक्टोज को पचाने में कुछ लोगों को समस्या होती है। हमारे देश में लैक्टोज इंटॉलरेंस अति सामान्य समस्या है। हर साल इस समस्या से जुड़े हुए करीब एक करोड़ मामले सामने आते हैं। लोगों को दूध से एलर्जी की समस्या कैसे हो जाती है और इसके क्या लक्षण देखने को मिलते हैं, आइए जानते हैं...

लैक्टोज इन्टॉलरेंस के लक्षण - Symptoms Of Lactose Intolerance In Hindi

लैक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित इंसान को दूध पीने या दूध से बने उत्पाद के सेवन करने के डेढ़ से दो घंटे के भीतर लक्षण महसूस होने लगते हैं और 48 घंटों तक रह सकते हैं। लैक्टोज इंटॉलरेंस में पेट का फूलना, गैस हो जाना, दस्त लगना, उल्टी या मतली आना, पेट में दर्द होना और पेट से आवाज आने जैसे लक्षण दिखते हैं। ये लक्षण कितने गंभीर हैं ये इसपर निर्भर करता है कि व्यक्ति ने कितनी मात्रा में लैक्टोज का सेवन किया है।

लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारण - Causes Of Lactose Intolerance In Hindi

लैक्टोज इंटॉलरेंस का मूल कारण है, पेट द्वारा लैक्टोज को न पचा पाना। कुछ लोग दूध से मिलने वाली लैक्टोज शुगर के प्रति संवेदनशील होते हैं। हमारी छोटी आंत में ‘लैक्टेज’ नाम का एक एंजाइम का निर्माण होता है, जो दूध के लैक्टोज को पचाने का काम करता है। जब यह एंजाइम पर्याप्त नहीं बनता है, तब लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है। जन्म के समय हम सभी दूध पचा सकते हैं। एक साल की उम्र हो जाने पर कुछ लोगों में ये समस्या आने लगती है। ये एक जेनेटिक रोग भी है यानी ये पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला रोग है। कई बार डेयरी उत्पादों के सेवन में कमी की वजह से भी बाद में लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या देखी जाती है।

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