क्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, महिलाओं में बन रहा है हृदय रोगों का कारण, जानें डिलीवरी के बाद कैसे पाएं इससे छुटकारा
What Is Postpartum Depression: आजकल महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या काफी देखने को मिल रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं यह एक गंभीर स्थिति है, जिसकी वजह से महिलाओं में हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। अगर इसे मैनेज न किया जाए, तो यह सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
What Is Postpartum Depression
What Is Postpartum Depression: महिलाओं में पोस्टमार्टम डिप्रेशन के कारण हृदय रोगों के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही थीं, ऐसी 6.4% महिलाओं में हृदय रोगों का अधिक खतरा पाया गया। इनमें हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेलियर और इस्केमिक हृदय रोग आदि शामिल हैं। इसकी गंभीरता को देखते हुए महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करना बहुत आवश्यक है, जिससे कि भविष्य में किसी भी तरह के गंभीर नुकसान से जा सके। ज्यादातर महिलाएं इस बात से अनजान हैं कि आखिर पोस्टपार्टम डिप्रेशन होता क्या है और यह कब होता है? इस लेख में हम आपको पोस्टपार्टम क्या है और महिलाएं इससे कैसे बच सकती हैं, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या है - What Is Postpartum Depression In Hindi
जैसा कि हम सभी जानते हैं डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक स्थिति है और इसके कई अलग-अलग प्रकार हैं। आपको बता दें कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन भी एक तरह का डिप्रेशन का ही प्रकार है। यह स्थिति महिलाओं में आमतौर पर एक बच्चे को जन्म देने या डिलीवरी के बाद देखने को मिलती है। बच्चे की देखभाल करना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता है। डिलीवरी के बाद महिलाएं काफी इमोशनल हो जाती हैं। वह बहुत सी चीजों के लेकर परेशान, उदास और तनावग्रस्त महसूस करने लगती हैं। जब स्थिति गंभीर हो जाती है, तो डिप्रेशन में बदल जाती है। इस स्थिति को ही आम भाषा में पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है।
महिलाएं डिलीवरी के बाद काफी चिंतित महसूस करती हैं, उन्हें मूड स्विंग्स होते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या रोना आता है। वह कई बार चिड़चिड़ेपन का शिकार भी हो जाती हैं। आपको बता दें कि डिलीवरी के बाद ही नहीं, बहुत सी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी इस तरह के डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यह एक गंभीर स्थिति है, जो महिलाओं में तेजी बढ़ रही है। साथ ही, उनमें दिल की बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा रही है। ऐसे में इसे मैनेज करना महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक है।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से छुटकारा कैसे पाएं - How To Get Rid Of Postpartum Depression In Hindi
अगर कोई महिला डिलीवरी के बाद इस तरह ऊपर बताए गए लक्षण या परेशानियां नोटिस कर सकती है, तो ऐसे में सबसे पहले उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वह आपको इस स्थिति को बढ़ने से रोकने और जल्द उपचार के लिए कुछ जरूरी दवाएं दे सकते हैं। इन दवाओं में आमतौर पर एंटी-एंग्जायटी, एंटी-डिप्रेसेंट आदि जैसी दवाएं शामिल होती हैं। इसके साथ ही मनोचिकित्सा की मदद से भी इसका उपचार किया जाता है। डॉक्टर के दिए उपचार के साथ कुछ सरल टिप्स को फॉलो करने से भी आपको पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जल्द राहत पाने में मदद मिल सकती है जैसे,
- नियमित एक्सरसाइज के लिए कुछ समय निकालें।
- स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी डाइट लें।
- खुद के लिए समय निकालें और रिलैक्स रहने की कोशिश करें।
- बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचाव होता है।
- बच्चे के साथ समय बिताएं, उसे छाती से स्पर्श कराएं और बच्चे के साथ अपने मन को जोड़ें।
- लगातार काम करने से बचें और खुद के लिए समय निकालें।
- कोशिश करें कि प्रकृति के बीच समय बिताएं।
- अपनी पसंद के कार्य करें। संगीत सुनें या जिस भी चीज में आपका मन लगता हो उसे करें।
- खुश रहने की कोशिश करें।
अगर कोई महिला पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही है, तो इन टिप्स को फॉलो करके वह आसानी से पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जल्द छुटकारा पा सकती है। लेकिन डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्...और देखें
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