Rishi Anna: क्या है ऋषि अन्न जो G20 से चर्चा में आया, जानें इसके फायदे और क्यों मिला है ये नाम
What is Rishi Anna (ऋषि अन्न क्या है): जी 20 समिट में आए मेहमानों ने देसी जायके का भरपूर आनंद लिया। अधिकतर व्यंजन मिलेट्स से बनाए गए थे। इसी बीच ऋषि अन्न को लेकर भी चर्चा हो रही है। जानें ऋषि अन्न क्या है और इसके क्या फायदे होते हैं। साथ ही जानें कैसे मिला है इसको ये नाम।
ऋषि अन्न क्या होता है और इसके क्या फायदे हैं
What is Rishi Aana (ऋषि अन्न क्या है): मिलेट्स यानी जिन चीजों को हम मोटे अनाज के तौर पर जानते हैं - बहुत हेल्दी माने जाते हैं। ये ग्लूटन फ्री होते हैं और शरीर को शुगर, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से बचाते हैं। जी 20 में भी विदेशी मेहमानों ने मिलेट्स का भरपूर लुत्फ उठाया और इससे बने तमाम जायके चखे। इसी खास मेन्यू के बीच ऋषि अन्न भी चर्चा में है। यहां देखें ऋषि अन्न क्या है और कैसे ये फायदेमंद रहता है।
मोटे अनाजों में कौन से अनाज आते हैं
मिलेट्स की बात करें तो ये कैल्शियम, आयरन, फाइबर जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स का सोर्स होते हैं। मोटे अनाजों में खासतौर पर ज्वार, बाजरा और रागी को गिना जाता है। वहीं कम चर्चित मिलेट्स जिनको छोटे अनाज भी कहा जाता है में कुटकी, कांगनी, कोदो और सांवा आदि शामिल रहते हैं।
ऋषि अन्न क्या होता है
मोटे अनाज में से कोंदो को ऋषि अन्न कहा गया है। दरअसल कोदों कम पानी और बारिश में उग जाता है। अब यह बात और है कि खेती की प्रगति के बावजूद इस अनाज को उगाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है।
कोदों को ऋषि अन्न बताने के पीछे खास वजह भी हैं। इसके लिए खेत नहीं जोतने पड़ते हैं यानी इस खेती के लिए बैलों को कष्ट नहीं देना पड़ता है। इससे छोटे कीड़े मकौड़े का जीवन भी बना रहता है। धरती को भी इस फसल को उगाने के लिए ज्यादा जोर नहीं लगता। वहीं सिंचाई पर भी निर्भरता कम रहती है।
ऋषि अन्न के फायदे
- कोदों यानी ऋषि अन्न के दानों में भरपूर प्रोटीन होता है जो अच्छे और स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है।
- कोदों में आम चावल के मुकाबले 12 गुना ज्यादा कैल्शियम होता है।
- ऋषि अन्न में अच्छे फैट्स और भरपूर एनर्जी होती है। इससे ये मोटापा नहीं बढ़ाते।
- माना जाता है कि कोदों में सात तरह के अनाजों की शक्ति समाहित होती है।
- कोदों में फाइबर खूब होता है। इससे ये पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखते हैं।
- शुगर की बीमारी में भी कोदों का सेवन लाभकारी माना जाता है।
- कोदों का सेवन आयरन की कमी को भी पूरा करता है।
शहरी जीवन में कोदों को भले ही भुला दिया गया है लेकिन आदिवासी और ग्रामीध जीवनशैली में ये अभी भी अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।
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