बूढ़े लोगों के लिए खतरनाक होती हैं सर्दियां, बढ़ जाती है स्ट्रोक की आशंका, जानें इस जानलेवा बीमारी के लक्षण और इलाज

What is Stroke in Hindi: सर्दियां अपने उरूज पर हैं और यही समय है जब बूढ़े लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगती हैं। इस मौसम में स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। अगर उनको पार्किसंस रोग है या डिमेंशिया है तो समस्याएं और बदतर हो सकती हैं। आइए जानते हैं स्ट्रोक क्या होता है, स्ट्रोक के स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं और स्ट्रोक से कैसे बचें।

what is stroke and its symptoms

Stroke In Hindi: अभी ठंड का मौसम है और इससे सबसे अधिक जूझने वाला वर्ग बूढ़े लोगों का है। उन्हें ठंड महसूस भी ज्यादा होती है और वे ज्यादा भागदौड़ करने में भी असमर्थ होते हैं। वैले तो ठंड के सेहत से जुड़े कई जोखिम होते हैं लेकिन बुढ़ापे की कुछ बीमारियां जैसे स्ट्रोक, बेल्स पाल्सी, न्यूरोपैथी जैसी कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ जाती हैं। जब तापमान कम होता है तो बूढ़े लोगों में खास तौर पर स्ट्रोक आने के खतरे में खासी बढ़ोत्तरी हो जाती है। इसका कारण होता है, ठंड के वजह से ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना, खून का गाढ़ा हो जाना और खून के थक्कों के टूटना, जिसे फाइब्रिनोलिसिस भी कहते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है और स्ट्रोक का भी। आइए जानते हैं स्ट्रोक के बारे में।

स्ट्रोक क्या होता है (What Is Stroke In Hindi)

जब दिमाग में खून का प्रवाह रुक जाता है, इसे स्ट्रोक कहते हैं। इससे दिमाग की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और वे मर जाती हैं। ये तीन तरह का होता है, इस्केमिक स्ट्रोक, हेमोरेजिक स्ट्रोक और ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक, जिसे मिनी स्ट्रोक भी कहते हैं।

इसमें सबसे आम इस्केमिक स्ट्रोक होता है। 70 से 80% मामलों के लिए यही जिम्मेदार होता है। ये खून की नसों में थक्का जमने के कारण होता है। हेमोरेजिक स्ट्रोक में दिमाग में खून की सप्लाई करने वाली नस फट जाती है, जिससे न्यूरॉन्स डैमेज हो जाते हैं। इस्केमिक स्ट्रोक की आशंका ठंडे तापमान में बढ़ जाती है। स्टडी बताती हैं कि तापमान में एक डिग्री की कमी होने पर स्ट्रोक का चांस 3.9% बढ़ जाता है। कम टेम्परेचर में खून की नसें सिकुड़ जाती हैं। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और स्ट्रोक की आशंका भी। स्ट्रोक के मामले में देरी जानलेवा हो सकती है, आइए इसके लक्षण पर एक नजर डालते हैं।

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