हार्ट अटैक के बाद सुष्मिता सेन की हुई एंजियोप्लास्टी, जानें एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी में क्या है अंतर
Angioplasty and Angiography: एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी दिल की बीमारी का पता करने व उसका इलाज करने से जुड़े शब्द हैं। ये समझना जरूरी है कि इन दोनों चीजों में अंतर क्या है।
Angioplasty and Angiography: 47 साल की बॉलीवुड अदाकारा सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) अपनी सेहत का बहुत ख्याल रखती हैं। उनकी गिनती सिनेमा की सबसे फिट अदाकाराओं में होती है। वह सोशल मीडिया पर एक्सरसाइज करते हुए वीडियोज साझा किया करती हैं। ऐसे में जब सुष्मिता सेन के हार्ट अटैक (Sushmita Sen Heart Attack) की बात सामने आई तो लोग परेशान हो गए। सुष्मिता सेन ने खुद अपने हार्ट अटैक और एंजियोप्लास्टी के बारे में बताते हुए लोगों को संदेश दिया कि मेरे फादर कहते हैं कि ‘अपने हार्ट को हमेशा खुश रखें, क्योंकि जब आपको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती तो ये आपके साथ खड़ा होगा शोना’।
एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी दिल की बीमारी का पता करने व उसका इलाज करने से जुड़े शब्द हैं। ये समझना जरूरी है कि इन दोनों चीजों में अंतर क्या है। आर्टरी और वीन्स में ब्लॉकेज की संभावना पर एंजियोग्राफी की सलाह दी जाती है। ब्लॉकेज पता लगाने के लिए जो टेस्ट किया जाता है उसे एंजियोग्राफी कहते हैं। वहीं एंजियोप्लास्टी वो प्रक्रिया है जिससे वीन्स व आर्टरी में मौजूद ब्लॉकेज को हटाया जाता है या ठीक किया जाता है।
कैसे होता है वीन्स व आर्टरी में ब्लॉकेज
जब हमारे ब्लड में कुछ डिफेक्ट होने की वजह से वीन्स और आर्टरी में इकट्ठा हो जाती है, इसे प्लॉक फॉरमेशन (Plaque Formation) कहा जाता है। खून में हाई ट्राई ग्लेसराइड और हाई कोलेस्ट्रोल होने की वजह से प्लॉक फॉरमेशन होता है। प्लॉक फॉरमेशन की वजह से ब्लॉकेज बनता है। शरीर की रक्तकोशिकाओं में सामान्य रूप से ब्लड सप्लाई होनी चाहिए। शरीर के तमाम अंगों में अच्छे से खून पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि रक्तकोशिकाओं में ब्लड सप्लाई अच्छे से हो।
कैसे की जाती है एंजियोप्लास्टी
जांघ या फिर हाथ की नसों से कैथेडर के साथ बारीक तार डाला जाता है और वीन्स या आर्टरी के ब्लॉकेज तक ले जाया जाता है। इसके बाद एक बारीक सा गुब्बारा तार के जरिए ब्लॉकेज तक ले जाया जाता है। जब गुब्बारा ब्लॉकेज तक पहुंचता है तो उसे बार बार फुलाया जाता है और पिचकाया जाता है। इस प्रक्रिया से प्लॉक फॉरमेशन हटता है और ब्लड की सप्लाई सामान्य होने लगती है। इसके बाद दोबारा कैथेडर डालकर ब्लॉकेज वाली जगह स्टैंट लगाया जाता है।
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कुलदीप राघव author
कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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