Health Tips: एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक में क्या अंतर है? एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें बचाव
Panic And Anxiety Attack: कई लोग पैनिक अटैक और एंग्जाइटी अटैक को एक ही मानते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि पैनिक अटैक और चिंता में अंतर होता है। कई लोग इसके लक्षणों को पहचानने में भी भ्रमित हो जाते हैं। पैनिक अटैक डर के कारण होता है, जबकि एंग्जाइटी अटैक चिंता या तनाव के कारण होता है।
Panic Attack: क्यों आता है पैनिक अटैक?
Panic Attack vs Anxiety Attack Symptoms and Causes: दुनिया भर के लोगों के विभिन्न समूहों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य पर तेजी से चर्चा की जा रही है। अब हम समझ गए हैं कि डिप्रेशन और एंग्जायटी अटैक या पैनिक अटैक कमजोरी का परिणाम नहीं हैं। हेल्थलाइन के अनुसार, "एक एंग्जायटी अटैक तनाव के जवाब में होता है और धीरे-धीरे बढ़ सकता है, जबकि पैनिक अटैक मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को इंगित करता है।"
कई बार, पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक जैसे शब्दों का इस्तेमाल एक-दूसरे के लिए कारणों, लक्षणों और उपचार के विकल्पों को समझे बिना एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है। आज हम जानेंगे कि पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक क्या हैं और उन्हें कैसे पहचान कर उनका इलाज किया जाए।
एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक में क्या अंतर है? | What is the difference between anxiety attack and panic attack?
एंग्जायटी अटैक मानसिक स्वास्थ्य विकारों का एक समूह है जिसमें एगोराफोबिया (भीड़-भाड़ वाली जगहों का डर), क्लॉस्ट्रोफोबिया (सीमित स्थानों का डर), एक्रोफोबिया (ऊंचाई का डर) और पैनिक अटैक, पैनिक डिसऑर्डर , सामान्य एंग्जायटी अटैक (Generalized Anxiety Disorder, eating disorder (GAD), obsessive-compulsive disorder (OCD) जैसे विकार शामिल हैं।
एंग्ज़ाइटी अटैक एक बोलचाल का शब्द है जिसका उपयोग तनाव चिंता को लेकर एक अवधि को समझने के लिए किया जाता है। इसमें व्यक्ति किसी व्यवहार को लेकर काफी समय परेशान रहता है। दूसरी ओर पैनिक अटैक किसी डर के कारण अचानक से होने वाली शारीरिक प्रतिक्रिया है। इसमें भय, तनाव, सामाजिक विकार या ड्राइविंग जैसी चिंता कारकों से पैनिक अटैक शुरू हो सकते हैं, पैनिक अटैक अचानक से और तीव्र गति से होता है। यदि किसी को समय-समय पर बार-बार पैनिक अटैक का अनुभव होता है, तो उसे पैनिक डिसऑर्डर हो सकता है और उसे चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। पैनिक डिसऑर्डर भी अक्सर पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस का परिणाम होता है, जिसमें अचानक मौत जैसी दर्दनाक घटना का अनुभव करना शामिल होता है।
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक के कारण | Causes of panic attacks and anxiety attacks
पैनिक अटैक आमतौर पर किसी खतरे के कारण होती है, जैसे की ओसीडी, जीएडी, सोशल फ़ोबिया या अन्य फ़ोबिया (OCD, GAD, social phobia or other phobia); वहीं एंग्जायटी अटैक कुछ तनावपूर्ण स्थितियों की प्रतिक्रिया में भी हो सकता है जब एंग्जायटी सामान्य स्तर से अधिक बढ़ जाती है। ऐसी स्थितियों में नौकरी में बदलाव, रिश्ते, फाइनेंशियल स्ट्रेस, दूसरों के सामने स्टेज पर बोलने से घबराना (Stage Fright), किसी बीमारी लेकर या अन्य कारण शामिल हैं। इसके अलावा यह अनुवांशिकी कारण भी हो सकता है, जिसमें परिवार के लोगों को इससे जूझना पड़ता है।
जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नमिता रूपारेल ने विस्तार से बताया कि पैनिक अटैक की शुरुआत बिना किसी चेतावनी के अचानक होती है। उन्होंने indianexpress.com को बताया, "दूसरी ओर एंग्जायटी अटैक आमतौर पर वर्तमान के बारे में सोचने से होता है।" जबकि पैनिक अटैक और एंग्जाइटी अटैक में अनुभव किए जाने वाले शारीरिक लक्षण समान होते हैं, दोनों के बीच एक अलग अंतर होता है। डॉ रूपारेल ने बताया, "पैनिक अटैक अचानक आते हैं, जबकि एंग्जाइटी अटैक धीरे-धीरे सोचने के साथ बढ़ता है।"
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक के लक्षण | Symptoms of Panic Attack and Anxiety Attack
पैनिक अटैक के लक्षण की बात करें तो अधिक पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ होना, उल्टी आना, चक्कर आना, दिल की धड़कनें तेज हो जाना, ब्लड प्रेशर हाई होना, सीने में दर्द, हाथ- पैर कांपना, अधिक डर लगना आदि लक्षण हो सकते हैं। जबकि एंजाइटी अटैक के लक्षण की बात करें तो सांस लेने में कठिनाई, दिल की धड़कन का बढ़ना, सीने में दर्द होना, विजन प्रॉब्लम, बोलने में कठिनाई, हाथ या गर्दन में दर्द होना आदि है।
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक का इलाज | Panic attack and anxiety attack treatment
अगर आपको पैनिक अटैक आता है, तो सबसे पहले आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। हालांकि पैनिक अटैक जानलेवा नहीं होते, लेकिन ये दिमाग पर बुरा असर डालते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अपने दैनिक जीवन में व्यायाम करें, ध्यान का सहारा लें, अरोमाथेरेपी का सहारा लें, श्वास संबंधी व्यायाम करें। साथ ही अपनी काउंसलिंग किसी अच्छे डॉक्टर से करवाएं। ऐसा करने से आप इसके दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।
हेल्थ के लिए डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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