गेहूं vs चावल: सेहत के लिए क्या है बेहतर? क्या रोटी से घटता है वेट या चावल से बढ़ता है पेट? किससे मिलता है कितना पोषण, जानें सब कुछ

Wheat or Rice which grain is Better: गेहूं और चावल दोनों अनाज में चुनते समय अक्सर आपको भी असमंजस का सामना करना पड़ता है। क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि गेहूं खाने से हमारा शुगर लेवल बढ़ता है तो कुछ लोग चावल को वेट गेन के लिए जिम्मेदार मानते हैं। आज हम आपके गेहूं और चावल से संबंधित सभी प्रश्नों को हल करने का प्रयास करेंगे।

Rice or wheat which is better grain

Rice or wheat which is better grain

गेहूं और चावल का वैज्ञानिक परिचयगेहूं और चावल दुनिया भर में सबसे ज्यादा खाए जाने वाले अनाज हैं। जिनका उत्पादन प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। एशिया में उगाए जाने वाले चावल का वैज्ञानिक नाम 'सताविया' तो अफ्रीका में उगने वाले चावल को 'ग्लैब्रम' के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा दुनियाभर में गेहूं की सबसे ज्यादा पाई जाने वाली प्रजाति का नाम 'ट्रिटिकम एस्टीवम' है। वहीं बात करें गेहूं और चावल दोनों की तो यह दोनों ही Poaceae family का हिस्सा है।

कहां-कहां किया जाता है गेहूं और चावल का उपयोग

स्वाद और आवश्यकता के आधार पर गेहूं और चावल को अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाता है। जिसका कारण है कि गेहूं की प्रकृति रेशेदार होती है, वहीं चावल गेहूं के मुकाबले अधिक बारीक हो जाता है।

गेहूं से बनने वाले फूड्सहमारे घरों में अक्सर खाने की चीजें तैयार करने के लिए गेहूं को अलग-अलग तरह के प्रयोग किया जाता है। आप गेहूं का आटा बनाकर इससे रोटी,ब्रेड, बिस्किट, दलिया और नूडल्स जैसे तमाम चीजें बना सकते हैं।

चावल से बनने वाले फूड

आमतौर पर भारतीय घरों में चावल को उबालकर सब्जी के साथ ही खाया जाता है, लेकिन आप चावल से अलग-अलग रेसिपी भी तैयार कर सकते हैं। इससे आप खीर, खिचड़ी, बिरयानी और चावल की बर्फी जैसी डिश तैयार कर सकते हैं।

गेहूं और चावल की किस्मेंचावल की फसल भारत में कुल पैदावार का लगभग 43% के आसपास उगाई जाती है, तो वहीं गेहूं की पैदावार कुल फसल का 30% के आसपास होती है।

भारत में चावल की सकड़ों तरह की किस्में उगाई जाती हैं, लेकिन इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी चावल की किस्म बताने जा रहे हैं। जिनका उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है। बाओ धान (असम), जीरकसाला, नवारा (केरल), गोबिंदोभोग (पश्चिम बंगाल), पटना चावल (बिहार), कुंडलकर (तमिलनाडु), अंबेमोहर (महाराष्ट्र) काला नमक (उत्तर प्रदेश)

गेहूं का मुख्यत: उत्पादन उत्तर भारत में किया जाता है। जिसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश मुख्य राज्य हैं। इन राज्यों में गेंहू की बहुत किस्में पैदा की जाती है। लेकिन कुछ चुनिंदा किस्मों को हम आपको बताने जा रहे हैं। सबसे प्रीमियम गेहूं की किस्म 'शरबती' है। इसके साथ ही 'श्रीराम 303' भी गेहूं की एक उत्तम फसल है। वहीं 'DBW-370' भारत में गेहूं की सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली फसल है।

गेहूं और चावल में पोषक तत्वों का विवरण

गेहूं में पोषण

गेहूं को हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है। जिसका सबसे ज्यादा प्रयोग रोटी बनाने के लिए किया जाता है। गेहूं में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।

100 ग्राम गेहूं में पोषक तत्वों की मात्रा

  • कैलोरी- 341
  • प्रोटीन- 12 ग्राम
  • फैट- 2 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट- 70 ग्राम
  • फाइबर- 11 ग्राम
चावल में पोषण

खाने और पचाने में बेहद आसान चावल प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। हालांकि चावल में फाइबर की मात्रा कम पाई जाती है। जिसकी वजह से यह काफी तेजी से पच जाता है। जिससे आपको जल्दी भूख लग सकती है।

100 ग्राम चावल में पोषक तत्व

  • कैलोरी-130
  • प्रोटीन- 7.5 ग्राम
  • फैट- 1 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट- 77 ग्राम
  • फाइबर- 1.3 ग्राम

गेहूं और चावल में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का विवरण

कैलोरी

चावल और गेहूं दोनों में ही कैलोरी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। 100 ग्राम चावल की सर्विंग से आपको 130 कैलोरी मिलती है, वहीं 100 ग्राम गेहूं की सर्विंग आपको 340 कैलोरी प्रदान करती है।

प्रोटीन और फैटचावल की तुलना में गेहूं के अंदर लगभग दोगुना प्रोटीन पाया जाता है। 100 ग्राम चावल में आपको 7.5ग्राम प्रोटीन तो 100 ग्राम गेंहू से आपको 14 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है। वहीं गेंहू और चावल दोनों में ही फैट काफी कम मात्रा में पाया जाता है। बात करें तुलना की तो चावल में गेहूं की तुलना में तो चावल में फैट की मात्रा लगभग न के बराबर होती है। इसके साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल की मात्रा दोनों ही अनाज में बिल्कुल नहीं होती है।

कार्बोहाइड्रेटगेहूं और चावल दोनों में ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भरपूर पाई जाती है। क्योंकि गेंहू में भरपूर फाइबर तो चावल में स्टार्च भरपूर पाया जाता है। 100 ग्राम गेहूं में 77 ग्राम कार्बोहाइड्रेट तो 100 ग्राम चावल में लगभग 30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलता है।

विटामिनचावल की तुलना में गेहूं के अंदर विटामिन अधिक मात्रा में पाया जाता है। गेहूं में विटामिन-ई चावल से 6 गुना और विटामिन-बी2 लगभग दोगुना ज्यादा होता है। इसके अलावा विटामिन-ए भी गेहूं में चावल से अधिक पाया जाता है। लेकिन चावल में फोलेट और विटामिन-बी9 की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। वहीं विटामिन-डी, विटामिन-के और विटामिन-सी गेहूं और चावल दोनों में ही पूरी तरह से मौजूद नहीं होते हैं।

गेहूं और चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

किसी भी अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है। इंटरनेशनल टेबल्स ऑफ ग्लाइसेमिक इंडेक्स के अनुसार,चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 70 होता है। वहीं गेहूं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 45 के आसपास होता है। यदि कारण है कि डायबिटीज के मरीज को चावल खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

वेट लॉस के लिए गेहूं खाएं या चावल?उपरोक्त जानकारी से आपको स्पष्ट हो गया होगा कि गेहूं और चावल दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर फूड हैं। इनमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फैट सभी तत्व मौजूद होते हैं। कई हेल्थ शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि चावल या गेहूं दोनों में से किसी भी अनाज का सेवन करने से आपका वजन नहीं बढ़ता है। इसके बाद भी डाइटीशियन आपको सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस खाने की सलाह देते हैं। गेंहू या चावल दोनों अनाजों में ही फैट की बहुत कम मात्रा पाई जाती है। यही कारण है कि उन्हें वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

गेहूं vs चावल: सेहत के लिए क्या है बेहतर? - Wheat Or Rice Which Is Better For Health In Hindiचावल और गेहूं दोनों में ही कैलोरी भरपूर पाई जाती है, इसलिए हमारे वजन को बढ़ाने या घटाने के लिए दोनों ही अनाज से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसके अलावा गेहूं में फाइबर चावल की तुलना में ज्यादा पाया जाता है। जिससे गेहूं को पचाने के लिए ज्यादा समय लगता है और चावल बहुत जल्दी पच जाता है। जिससे हमें बार-बार भूख लगती है और हम ओवरईटिंग करते हैं। यही कारण है कि बार-बार खाना से आपका वजन बढ़ सकता है। इसलिए वजन बढ़ने पर आपको चावल न खाने की सलाह दी जाती है। यदि आप तब भी चावल खाना चाहते हैं तो आपको चावल के साथ कुछ फाइबर रिच फूड को अपनी डाइट का हिस्सा बना लेना चाहिए। जिससे आपका पेट देर तक भरा हुआ रहेगा।

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गुलशन कुमार author

पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखने-पढ़ने का शौक है। Timesnowhindi.com में ...और देखें

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