WHO की चेतावनी, कार्बोनेटेड ड्रिंक के कारण हो सकता है कैंसर; एक्सपर्ट से जानिए क्यों नहीं पीना चाहिए कोल्डड्रिंक
Health Tips in Hindi: यदि आप नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं, तो कई बीमारियां बढ़ जाती हैं। जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक का कॉम्बिनेशन मोटापा बढ़ाता है। युवाओं में कोल्ड ड्रिंक के अधिक सेवन के कारण उनके स्वास्थ्य को खतरे में पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट-

Summer Drinks: क्या कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन बढ़ा देता है कैंसर का खतरा? (Image: Canva)
Aspartame Sweetener: आजकल हमारे लिए सॉफ्ट ड्रिंक पीना कोई नई बात नहीं है। नए-नए ब्रांड की कोल्ड ड्रिंक की संख्या भी बढ़ रही है। क्योंकि किसी भी पार्टी को सॉफ्ट ड्रिंक की जरूरत होती है। कोल्ड ड्रिंक का उपयोग 'ड्रिंक' के लिए भी किया जाता है। हालांकि, कोल्ड ड्रिंक बहुत हानिकारक होते हैं। इससे आपकी जान जा सकती है। ऐसी चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दी है। कोल्ड ड्रिंक यानी शीतल पेय कैंसर को निमंत्रण देते हैं। इस तरह रिसर्च सामने आई है। तो क्या अब आप कोल्ड ड्रिंक लेंगे? अब इसके बारे में सोचिए-
'सॉफ्ट ड्रिंक' में क्या आता है?
सोडा और कई अन्य कंपनियां जो कोल्ड ड्रिंक के नाम पर सोडा के विभिन्न स्वाद बेचती हैं। इन कोल्ड ड्रिंक्स में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी, चीनी और अन्य आर्टिफिशियल एलिमेंट्स होते हैं जो हमारे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने का खतरा बढ़ाते हैं। सोडा के एक कैन में लगभग दस कप चीनी होती है, जो एसिड जितनी ही हानिकारक होती है। इसलिए अगर आप कभी-कभार सोडा पीते हैं तो भी आपको इसके सेवन से नुकसान होगा। इसके अलावा छोटे बच्चों को कोल्ड ड्रिंक न दें। इसका असर बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
कोल्ड ड्रिंक पीना, कैंसर को निमंत्रण
अब WHO ने खतरे की चेतावनी दी है। रिसर्च के बाद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। कोल्ड ड्रिंक पीना कैंसर जैसी बड़ी बीमारी को निमंत्रण है। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कही है। जब हमें प्यास लगती है तो हम कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं। हालांकि, यह खतरनाक है। पानी तभी पियें जब शरीर को पानी की आवश्यकता हो या नींबू का शरबत, गन्ने का रस, नारियल पानी, लस्सी आदि का सेवन करें। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। इसके विपरीत, यह फायदेमंद है। डॉक्टर भी इस पर सलाह देते हैं।
सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के मेडिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉ. पूजा बब्बर ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि एस्पार्टेम एक आर्टिफिशियल स्वीटनर है जिसे अमेरिका में फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। एफडीए ने एस्पार्टेम के लिए डेली इन्टेक लिमिट प्रति दिन शरीर के वजन के 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम निर्धारित किया है, जबकि यूरोपियन यूनियन ने प्रति दिन 40 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम की डेली इन्टेक लिमिट को रिकमेंड किया है।
इसलिए, एस्पार्टेम को एक संभावित कार्सिनोजेनिक मानने के लिए, हमें प्रतिदिन सेवन की जाने वाली मात्रा को भी देखना होगा। यदि इसकी मात्रा प्रति दिन 40 से 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम ADI से अधिक है, तो निश्चित रूप से यह हमारे शरीर के लिए कार्सिनोजेनिक है। उदाहरण के लिए, 60 किलो वजन वाले एडल्ट को 40 से 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम ADI से अधिक लेने के लिए हर दिन 12 कैन डाइट सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करना होगा।
दरअसल एस्पार्टेम एक समस्या से जुड़ा हुआ है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें 'फेनिलकीटोन्यूरिया' है। यह एक जेनेटिक डिसॉर्डर है जिसमें शरीर फेनिलएलनिन को ब्रेक नहीं कर सकता है। यह एस्पार्टेम में पाया जाने वाला एक अमीनो एसिड है और ऐसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, इसीलिए एस्पार्टेम युक्त उत्पादों पर चेतावनी होती है कि फेनीलकेटोनूरिक में फेनीलालानीन होता है और ऐसे लोगों को निश्चित रूप से इससे बचना चाहिए।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डायटीशियन एकता सिंहवाल ने बताया कि लगभग 95 प्रतिशत कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक, जिनमें एस्पार्टेम स्वीटनर का उपयोग करते हैं, साथ ही लगभग 90 प्रतिशत रेडी-टू-ड्रिंक बाजार हिस्सेदारी की एक बड़ी मात्रा का लीड करते हैं। FSSAI ने यह भी अनिवार्य किया है कि एस्पार्टेम युक्त प्रोडक्ट में स्वीटनर का नाम स्पष्ट रूप से लिखा हुआ होना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि एस्पार्टेम कैलोरी मुक्त नहीं है। चीनी की तरह इसके एक ग्राम में 4 कैलोरी होती है। हालांकि, एस्पार्टेम प्राकृतिक चीनी की तुलना में 200 गुना अधिक मीठा होता है, इसलिए केवल थोड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है। कुछ शोध कहते हैं कि एस्पार्टेम स्वास्थ्य पर कुछ बुरे प्रभाव डाल सकता है जैसे कैंसर या वजन बढ़ना। अन्य दुष्प्रभावों में दौरे, अवसाद, मल्टीपल स्केलेरोसिस, ल्यूपस और जन्म दोष शामिल हैं। हालंकि, इनमें से किसी भी दावे की पुष्टि नहीं की गई है और न ही अभी तक किसी अध्ययन में कोई ठोस प्रमाण मिले हैं।
आपको बता दें कि सोडा में सबसे ज्यादा कैलोरी होती है। मधुमेह से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा होता है। कोल्ड ड्रिंक से दांत जल्दी टूटते हैं। ये कोल्ड ड्रिंक सेहत के लिए हानिकारक है। इससे हृदय रोग, दांत से सम्बंधित बीमारी, मोटापा होता है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोल्ड ड्रिंक पीने से कैंसर हो सकता है।
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