आंखों पर नहीं चढ़ा है चश्मा तो भी जरूरी है रेगुलर चेकअप, जवानी में ही पता चल जाएगी बढ़ापे में होने वाली दिमाग की ये बीमारी
Importance Of Regular Eye Check-Up In Hindi: हमारी आंखें सिर्फ देखने के लिए नहीं होतीं, बल्कि ये हमारे पूरे स्वास्थ्य की झलक भी दिखाती हैं। नई स्टडी से यह साफ हो गया है कि आंखों की बीमारियां दिमागी समस्याओं की ओर इशारा कर सकती हैं। इसलिए, चाहे आपको चश्मा लगा हो या न हो, आंखों की नियमित जांच जरूर कराएं। यहां जानें स्टडी में क्या कुछ पाया गया है...

Importance Of Regular Eye Check-Up In Hindi
Importance Of Regular Eye Check-Up In Hindi: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हमारी आंखें न होतीं तो जिंदगी कैसी होती? दुनिया की खूबसूरती, अपनों की मुस्कान और रोजमर्रा की छोटी-छोटी खुशियों को देखने से हम महरूम रह जाते। लेकिन क्या सिर्फ देखना ही आंखों का काम है? हाल ही में आंखों के स्वास्थ्य पर एक स्टडी ने खुलासा किया है कि हमारी आंखें सिर्फ देखने का जरिया ही नहीं, बल्कि हमारी सेहत के बारे में भी बहुत कुछ बयां करती हैं। खासतौर पर दिमागी बीमारियों के शुरुआती संकेत हमारी आंखों से मिल सकते हैं। इसलिए, भले ही आपकी नजर एकदम सही हो, फिर भी रेगुलर आई चेकअप करवाना बहुत जरूरी है। आइए इस स्टडी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आंखों और दिमाग की सेहत का गहरा कनेक्शन
अक्सर लोग सोचते हैं कि जब तक नजर कमजोर न हो, तब तक आंखों की जांच की कोई जरूरत नहीं। लेकिन ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थोमोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, हमारी आंखें और मस्तिष्क आपस में गहराई से जुड़े होते हैं। इस स्टडी में यह पाया गया कि आंखों की सेहत में गिरावट आने का मतलब है कि दिमागी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
नई स्टडी के मुख्य निष्कर्ष
डिमेंशिया से आंखों का संबंध
शोध में यह पाया गया कि जिन लोगों को आयु-संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन (AMD) था, उनमें डिमेंशिया का खतरा 26% अधिक था। वहीं, मोतियाबिंद वाले लोगों में यह 11% और डायबिटिक नेत्र रोग वालों में 61% तक अधिक देखा गया।
बीमारियों से बढ़ता खतरा
डायबिटीज, हार्ट डिजीज और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों में दिमागी बीमारियों का खतरा ज्यादा देखा गया। इसलिए, अगर कोई इन बीमारियों से ग्रस्त है, तो उसे नियमित आई चेकअप करवाना चाहिए।
गर्भावस्था में आंखों की देखभाल
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से कई महिलाओं को धुंधली दृष्टि या ड्राई आई जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में, डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
स्क्रीन टाइम का असर
भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रोहतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में औसतन लोग रोज 3.5 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। पुरुषों का औसत स्क्रीन टाइम 6 घंटे 45 मिनट और महिलाओं का 7 घंटे 5 मिनट है। ज्यादा स्क्रीन टाइम से आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे आई स्ट्रेन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
नियमित आई चेकअप क्यों जरूरी - Importance Of Regular Eye Chek-Up In Hindi
भले ही आपको आंखों से कोई परेशानी न हो, फिर भी रेगुलर चेकअप कराना बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ आंखों की सेहत बनी रहती है, बल्कि दिमागी बीमारियों को शुरुआती स्तर पर पकड़ा जा सकता है।
आंखों की सेहत बनाए रखने के आसान टिप्स - Tips To Keep Eyes Healthy In Hindi
- पौष्टिक आहार लें: गाजर, पालक, पपीता, शकरकंद, अंडे, मछली और बादाम जैसी चीजें खाएं, जो आंखों के लिए फायदेमंद होती हैं।
- स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल सीमित करें और हर 20 मिनट पर ब्रेक लें।
- आंखों की सफाई रखें: आंखों को गंदे हाथों से छूने से बचें और ठंडे पानी से धोते रहें।
- धूप से बचाव करें: बाहर जाते समय अच्छी क्वालिटी के सनग्लासेस पहनें।
- साल में एक बार आई टेस्ट कराएं: चाहे कोई समस्या हो या न हो, साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच जरूर करवाएं।
With Inputs: IANS
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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