कम उम्र में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा? छह महीने में गुजरात में दिल का दौरा पड़ने से सबसे ज्यादा मौतें
हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हार्ट अटैक की वजह से हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो रही है। भारत में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं। पिछले कुछ सालों में युवाओं को हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। कम उम्र के हार्ट अटैक के जोखिम ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। गुजरात में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है।
Why is the risk of heart attack increasing
हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हार्ट अटैक की वजह से हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो रही है। भारत में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं। पिछले कुछ सालों में युवाओं को हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। कम उम्र के हार्ट अटैक के जोखिम ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। गुजरात में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि पिछले छह महीनों में गुजरात में दिल का दौरा पड़ने से कुल 1,052 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 80 प्रतिशत मृतक 11-25 आयु वर्ग के थे।
डिंडोर ने कहा, दिल के दौरे की बढ़ती संख्या को देखते हुए, लगभग दो लाख स्कूल शिक्षकों और कॉलेज प्रोफेसरों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो ऐसी चिकित्सा आपात स्थितियों के दौरान एक महत्वपूर्ण जीवनरक्षक साबित हो सकते हैं। "गुजरात में पिछले छह महीनों के दौरान दिल का दौरा पड़ने से 1,052 लोगों की मौत हो गई है। उनमें से लगभग 80 प्रतिशत 11 से 25 वर्ष की आयु के थे और ये छात्र और युवा मोटे भी नहीं थे। डिंडोर ने गांधीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, एम्बुलेंस सेवा के लिए प्रति दिन 173 कार्डियक आपातकालीन कॉल आती है।''
लगातार बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों की वजह से यंगस्टर्स काफी ज्यादा चिंता में हैं। पिछले छह या सात महीनों में ये देखने को मिला है कि क्रिकेट खेलते वक्त या गरबा में भाग लेने के दौरान कई लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। डिंडोर ने कहा कि मैं शिक्षकों से इस सीपीआर प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने का आग्रह करता हूं। ताकि लोगों की जान बचाने में वो अहम भूमिका निभा सकें।
उन्होंने कहा, राज्य शिक्षा विभाग की इस पहल के तहत, लगभग दो लाख स्कूल और कॉलेज शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 3 से 17 दिसंबर के बीच 37 मेडिकल कॉलेजों में सीपीआर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। डिंडोर ने कहा कि इन प्रशिक्षण शिविरों में लगभग 2,500 चिकित्सा विशेषज्ञ और डॉक्टर उपस्थित रहेंगे और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण पहले भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के द्वारा किया जा चुका है।
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शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए नोएडा आय...और देखें
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