होमलाइव टीवीcitiesशहर फोटोजअगली
खबर

World Autism Awareness Day क्यों मनाया जाता है, जानें क्या है इसका इतिहास, महत्व और 2025 की थीम

World Autism Awareness Day Significance History Theme 2025: हर साल 2 अप्रैल का दिन दुनियाभर में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऑटिज्म को समझना और इसे लेकर जागरूकता फैलाना हम सभी की जिम्मेदारी है। हर इंसान अपनी तरह से खास होता है, और हमें सभी को उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए। इस दिन का असली मकसद यही है कि हम ऑटिज्म से प्रभावित लोगों को अपनाएं, उन्हें सपोर्ट करें और एक ऐसा समाज बनाएं जहां हर कोई अपने तरीके से जी सके। चलिए विस्तार से जानते हैं क्यों मनाया जाता है यह दिवस।

World Autism Awareness Day Significance History Theme 2025World Autism Awareness Day Significance History Theme 2025World Autism Awareness Day Significance History Theme 2025

World Autism Awareness Day Significance History Theme 2025

World Autism Awareness Day Significance History Theme 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ बच्चे या बड़े लोग बाकी लोगों से थोड़ा अलग होते हैं? वे दुनिया को एक अनोखे नजरिए से देखते हैं, उनकी बातचीत का तरीका अलग होता है, और वे कई बार अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं। इसे हम ऑटिज्म कहते हैं। ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जो व्यक्ति के संचार और सामाजिक कौशल को प्रभावित कर सकती है।

हर साल 2 अप्रैल को ‘वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे’या विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरूक किया जा सके और इसे लेकर समाज में जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर किया जा सके। इस दिन का मकसद साफ है - ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को समझना, उन्हें सपोर्ट देना और उन्हें समाज में बराबरी का स्थान दिलाना। इस दिन को मनाने का असली मकसद है कि हम ऑटिज्म से प्रभावित लोगों को अपनाएं, उन्हें सपोर्ट करें और एक ऐसा समाज तैयार करें, जहां हर कोई अपने तरीके से जी सके। आइए विस्तार से जानते हैं क्यों मनाया जाता है यह दिन?

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस क्यों मनाया जाता है - Why Is World Autism Awareness Day Is Celebrated In Hindi

अब सवाल यह आता है कि आखिर इस दिन को मनाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसकी वजह यह है कि आज भी बहुत सारे लोग ऑटिज़्म को लेकर सही जानकारी नहीं रखते। कई बार इसे मानसिक बीमारी समझ लिया जाता है, तो कई बार ऐसे बच्चों को गलत समझकर समाज से अलग कर दिया जाता है।

End Of Feed