हर साल 4 मार्च को क्यों मनाते हैं World Obesity Day, क्या है इसका इतिहास, जानें महत्व और 2025 की थीम
World Obesity Day Significance history Theme 2025 In Hindi: मोटापा शायद देखने में कोई खास समस्या न लगती हो, लेकिन इससे जुड़ी दिक्कतें खतरनाक हो सकती हैं। समस्या इस बात से और बढ़ जाती है कि इसके खतरों को भी आम समझा जाने लगा है। इसी कारण मोटापे की जटिलताओं को विषय में जागरुकता को बढ़ाने के लिए विश्व मोटापा दिवस मनाया जाने लगा। आइए जानते हैं इसके बारे में।

World Obesity Day Significance history Theme 2025
World Obesity Day Significance history Theme 2025 In Hindi: सदियों से इंसान खाने की कमी और बीमारियों से जूझते, उससे जुड़ी समस्याओं से उबरने में संघर्ष करते रहे। दुनिया में हर जगह व्यक्तियों का वजन तब जरूरत से कम हुआ करता था। करीब 100 साल पहले बहुत सी संस्कृतियों में अधिक वजन को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था और इसके बारे में चिंता नहीं की जाती थी। लेकिन यही वो समय था जब पहली बार बीमा कंपनियों ने मोटापे को मौत के आंकड़ों के साथ मिलाकर देखना शुरू किया।
1960 का दशक मोटापे के लिहाज से सबसे जरूरी समय था। खाने-पीने में अब थोड़ी बेहतरी आने लगी थी और साथ ही मेहनत में कमी भी। अगली सदी, यानी साल 2000 आते-आते इंसानी विकास के क्रम में पहली बार अधिक वजन वाले लोगों की संख्या कम वजन वाले लोगों की संख्या से आगे निकल गई। 19वीं सदी के बीतने से पहले ही मोटापे को एक समस्या के तौर पर देखा जाने लगा था। इसी समस्या को कुछ गंभीरता से समझने और जागरुकता बढ़ाकर इसकी दर में कमी लाने के लिए हर साल 4 मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं वर्ल्ड ओबेसिटी डे (Significance of World Obesity Day In Hindi)
करीब 70 साल पहले ही मोटापे को सिक्स्थ इंटरनेशनल डिजीज क्लासिफिकेशन बनाया गया था। इसके बावजूद ये अब भी पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है, जिससे मोटापे को लेकर अब भी गलतफहमियां लोगों के मन में हैं। सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक के रूप में उभरने वाली इस समस्या की चपेट में अब मध्यम आय वाले देश भी तेजी से आ रहे हैं। हर साल 4 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व मोटापा दिवस इस बढ़ती हुई समस्या को एक बीमारी के तौर पर पहचानने में मदद करता है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करता है और इसे कम करने के लिए भी पहल करता है।
क्या है वर्ल्ड ओबेसिटी डे का इतिहास (History Of World Obesity Day In Hindi)
साल 2015 में वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन ने विश्व मोटापा दिवस मनाना शुरू किया था। तब इसे 11 11 अक्टूबर को मनाया जाता था, लेकिन सेहत से जुड़े और कई पहलों के बराबर इसे खड़ा करने के लिए और इसके समाज पर पड़ने वाले असर को और पुख्ता करने के लिए इसकी तारीख बदल कर 4 मार्च कर दी गई। 2019 में विश्व मोटापा दिवस आखिरी बार 11 अक्टूबर को मनाया गया था और 2020 से इसकी नई तारीख 4 मार्च हो गई।
वर्ल्ड ओबेसिटी डे थीम 2025 (World Obesity Day 2025 Theme)
इस साल विश्व मोटापा दिवस की थीम है Changing Systems, Healthier Lives यानी व्यवस्था परिवर्तन, स्वस्थ जीवन। इस साल की थीम ये इशारा करती है कि मोटापा एक ऐसी जटिल समस्या है जो केवल व्यक्तिगत स्तर पर हल नहीं होने वाली है। लोगों के लिए एक स्वस्थ भविष्य बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा, और सरकारी नीतियों जैसे कई विभागों में बदलाव की जरूरत है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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