सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा, तुरंत कर लिया ये काम तो बंद नसें भी जाएंगी खुल, बेहतर होगा ब्लड फ्लो
Why Stroke Is More Common In Winter: सर्दियों के मौसम स्ट्रोक के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिलती है। स्ट्रोक एक खतरनाक स्थिति है, जिसकी वजह से हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती हो जाती है। ऐसे में स्ट्रोक के मरीजों को सेहत का अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है।
Why Stroke Is More Common In Winter
Why Stroke Is More Common In Winter: गर्मी की तुलना में लोगों को ठंड का मौसम काफी पसंद होता है। लेकिन सर्दियों का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है। इसलिए ठंड के मौसम में लोगों को सेहत की अधिक देखभाल करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, जो लोग पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दौरान और भी अधिक संभलकर रहने की जरूरत होती है। क्योंकि तापमान में गिरावट के साथ उनकी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। आपको बता दें कि सर्दियों का इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित लोगों लिए भी काफी परेशानी भरा हो सकता है। स्ट्रोक या ब्रेन स्ट्रोक एक खतरनाक स्थिति, जो लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें सर्दियों में बहुत अधिक देखभाल की जरूरत होती है।
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा - Why Does Stroke Risk Increase In Winter In Hindi
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की मानें तो जब औसत सर्दियों का तापमान 13 डिग्री से कम होता है, तो ऐसे में इस्केमिक स्ट्रोक वाले रोगियों में इटियोलॉजी कारक और न्यूरोलॉजिकल नुकसान की संभावना गर्म तापमान के दौरान काफी भिन्न होती है। कम तापमान की वजह से होने वाले स्ट्रोक को आम भाषा में विंटर स्ट्रोक कहा जाता है। स्ट्रोक की स्थिति में दिमाग में पर्याप्त रक्त का संचार नहीं हो पाता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं और दिमाग काम करना बंद कर देता है। तापमान में गिरावट के दौरान व्यक्ति का खून जमने लगता है और गाढ़ा हो जाता है, जो स्ट्रोक का कारण बन सकता है। यह स्ट्रोक के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, कई अन्य कारक भी सर्दियों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ाने में योगदान देता है।
ठंडे मौसम स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं ये कारक - Winter Stroke Risk Factors In Hindi
धमनियों में सिकुड़न
ठंड की वजह से खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं और सख्त हो जाती हैं, इसकी वजह से ब्लड फ्लो प्रभावित होता है और ब्लॉकेज होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
पानी की कमी
तापमान में गिरावट होने के बाद लोगों को प्यास कम लगती है। लेकिन सर्दियों में भी शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है। पानी की कमी की वजह से रक्त में थक्के बनने लगते हैं। इससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
गतिहीन जीवनशैली
सर्दियों में ज्यादातर लोग कंबल रजाई में समय अधिक बिताते हैं। वह दिनभर लेटे या बैठे रहते हैं और घर से बाहर बहुत कम निकलते हैं। वहीं, बहुत से लोग इस दौरान एक्सरसाइज करने भी बचते हैं। शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन के लिए एक्सरसाइज करना या शारीरिक रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी है।
तापमान में गिरावट
हम सभी यह अच्छी तरह जानते हैं कि हमारे शरीर में रक्त का संचार लिपिड की मदद से ही हो पाता है। यह हमारे रक्त में मौजूद फैट होता है, जो रक्त को पूरे शरीर में ले जाने का काम करता है। जिन लोगों के रक्त में फैट की मात्रा अधिक होती है, तापमान में गिरावट की वजह से उनका रक्त गाढ़ा होने लगता है। जिससे ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता है, साथ ही ब्लॉकेज होने का खतरा भी बढ़ जाती है।
How To Prevent Stroke In Winter In Hindi
सर्दियों में स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें - How To Prevent Stroke In Winter In Hindi
सर्दियों में अगर आप स्ट्रोक के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो आपको ऊपर बताए गए स्ट्रोक के जोखिम कारकों ध्यान में रखते हुए अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत है। इसके अलावा, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए..
- अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स शामिल करें।
- नियमित एक्सरसाइज जरूर करें, इससे आपको शरीर को गर्म रखने में भी मदद मिलेगी।
- अगर हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं, तो इसे मैनेज करें।
- डाइट में फल सब्जियों का सेवन बढ़ा दें।
- रोज कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- सर्दियों में अनहेल्दी खाने से सख्त परहेज करें।
- नमकीन, तला-भुना, जंक और प्रोसेस्ड फूड्स आदि खाने से बचें।
विंटर स्ट्रोक के लक्षण दिखते हैं जाएं डॉक्टर के पास - Symptoms Of Winter Stroke In Hindi
- अचानक सिर में बहुत तेज दर्द होना
- बोलने और देखने में परेशानी होना
- उल्टी आना या मतली की समस्या
- चेहरे में सुन्नपन महसूस होना
- शरीर का संतुलन बनाए रखने में परेशानी
- चलने फिरने में भी दिक्कत महसूस होना
अगर कोई व्यक्ति ठंड बढ़ने पर इस तरह के लक्षण सामान्य से अक्सर नोटिस करता है, तो ऐसे में उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय रहते स्थिति की पहचान कर डॉक्टर आपकी किसी भी तरह के गंभीर नुकसान से बचने में मदद कर सकते हैं। आपको बता दें स्ट्रोक की वजह हर साल लाखों लोगों की जान जाती है, ऐसे में इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्...और देखें
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