मानसून में क्यों बढ़ जाता है टाइफाइड का खतरा? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
देश में इस समय मानसून अपने पीक पर है। जिससे लगभग सभी राज्यों में भरपूर बारिश हो रही है। बारिश का ये मौसम गर्मी से राहत दिलाने के अलावा अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इस मौसम में कई तरह के जल जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं।
Typhoid in monsoon
चिलचिलाती धूप और तापमान से लोगों को राहत दिलाने के लिए बारिश एक वरदान साबित होती है। इस साल देश में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है, जिससे लोगों को लंबे समय तक गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बारिश अपने साथ कई तरह की समस्याएं भी लेकर आती है। जी हां ज्यादा बारिश होने से आसपास पानी भर जाता है, जिससे कई तरह के रोग पैदा होने लगते हैं। इस मौसम में तमाम मच्छरों से फैलने वाली बीमारी होने लगती हैं। इसके साथ ही बारिश के मौसम में टाइफाइड का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं, मानसून में क्यों बढ़ता है टाइफाइड का खतरा?
मानसून में क्यों बढ़ जाता है टाइफाइड? - Why does Typhoid increase in Monsoon?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बरसात में अक्सर जल जनित रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है। जिससे लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं बात करें बीमारियों के फैलने के कारण कि तो बारिश में पानी के प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण सीवेज सिस्टम का ओवरफ्लो होना है। दरअसल ज्यादा होने वाली बारिश हमारे सीवेज सिस्टम को प्रभावित करती है, जिससे सीवर का पानी नेचुरल वाटर रिसोर्स में मिल जाता है। इससे हमारा पीने का पानी प्रदूषित होता है। जिससे टाइफाइड जैसे रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है।
टाइफाइड के लक्षण - Symptoms of Typhoid
- भूख न लगना।
- तेज बुखार।
- पेट में दर्द।
- बहुत अधिक थकान।
- ठंड लगना।
- लिवर का साइज बढ़ना।
टाइफाइड के कारण - Causes of Typhoid
टाइफाइड रोग का कारण साल्मोनेला टाइफी वायरस होता है। जो दूषित खाने या पीने के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है।
- दूषित भोजन करना।
- दूषित पानी पीना।
- टाइफाइड रोगी के मल के संपर्क में आना।
- टाइफाइड रोगी के साथ भोजन साझा करना।
टाइफाइड से बचाव के उपाय - Prevention tips from typhoid
टाइफाइड से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे कारगर उपाय है। पहला टायफाइड का टीका 2 वर्ष की आयु में दिया जाता है। दूसरा टायफाइड का टीका 6 वर्ष की आयु में दिया जाता है।
- अपने आसपास सफाई रखें।
- दूषित खाने-पानी से बचें।
- बाहर का खाना (स्ट्रीट फूड) खाने से बचें।
- टाइफाइड के रोगी के संपर्क में आने से बचें।
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