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हर साल 24 मार्च को क्यों मनाया जाता है World TB Day, क्या है इतिहास, जानें महत्व और 2025 की थीम

World TB Day 2025 Significance History Theme In Hindi: हर साल दुनियाभर में 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड टीबी डे का मतलब सिर्फ जागरूकता फैलाना ही नहीं है बल्कि टीबी को जड़ से मिटाने के लिए लोगों को एकजुट करना भी है। यहां जानें विश्व टीबी दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका इतिहास और थीम।

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World TB Day 2025 Significance History Theme

World TB Day 2025 Significance History Theme In Hindi: हर साल 24 मार्च को हम वर्ल्ड टीबी डे (विश्व क्षय रोग दिवस) मनाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये दिन क्यों इतना खास है? दरअसल, इसका मकसद है लोगों को टीबी यानी क्षय रोग के बारे में जागरूक करना और इस बीमारी को खत्म करने के लिए मिलकर प्रयास करना। टीबी एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करती है। इसे माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया फैलाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि अगर समय पर इलाज न हो तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती है। लेकिन सवाल ये है कि 24 मार्च को ही क्यों मनाते हैं ये दिन? इसका इतिहास, महत्व और 2025 की थीम क्या है? इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...

वर्ल्ड टीबी डे का इतिहास - World TB Day History In Hindi

वर्ल्ड टीबी डे की कहानी करीब 140 साल पुरानी है। 24 मार्च 1882 को डॉ. रॉबर्ट कोच ने ऐलान किया कि उन्होंने टीबी फैलाने वाले बैक्टीरिया का पता लगा लिया है। उस दौर में टीबी एक जानलेवा महामारी थी, जिसने लाखों लोगों की जान ले ली थी। डॉ. कोच की इस खोज ने टीबी के इलाज और रोकथाम में एक नई उम्मीद जगाई।

साल 1982 में, इस ऐतिहासिक खोज के 100 साल पूरे होने पर पहली बार वर्ल्ड टीबी डे मनाया गया। तब से हर साल इस दिन को मनाने का उद्देश्य है लोगों को टीबी के खतरों के बारे में जागरूक करना और इससे बचाव के उपायों पर जोर देना।

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