मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, जानें निपटने के आसान उपाय
Women's Health side effects of menopause : मेनोपॉज किसी भी महिला के जीवन में आने वाले एक बेहद अहम समय है। लेकिन इसके बाद उनकी सेहत पर काफी असर पड़ता है। हालांकि इन हेल्थ साइड इफेक्ट की चर्चा आपको आमतौर पर देखने को नहीं मिलेगी। आइए जानते हैं मेनोपॉज के बाद महिलाओं को किन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
मेनोपॉज किसी भी महिला के जीवन का एक काफी महत्वपूर्ण समय होता है। लेकिन इसके बाद उनकी सेहत पर जो असर देखने को मिलता है। उसके बारे में बहुत अधिक चर्चा नहीं देखने को मिलती है। यही कारण है कि मेनोपॉज के बाद सेहत पर पड़ने वाले असर को अक्सर महिलाएं नहीं समझ पाती हैं। क्योंकि इस विषय में बहुत ज्यादा खुलकर बात नहीं की जाती है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव काफी तेजी से होता है, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर देखने को मिलता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
मेनोपॉज के बाद महिलाओं को होने वाली आम समस्याएं
ऑस्टियोपोरोसिस
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। आपको बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसका पता तब तक नहीं चलता है जब तक हड्डी में फ्रैक्चर नहीं हो जाता। भारत में लगभग 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, जिनमें लगभग 80% महिलाएं हैं। इसलिए आप इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं।
दिल की बीमारी का खतरा
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हमारी हार्ट हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक साबित होता है। जिससे आप दिल की बीमारी के शिकार हो जाते हैं। यही कारण है मेनोपॉज के बाद महिलाओं को अपनी हार्ट हेल्थ के लिए और ज्यादा सावधान रह जाना चाहिए।
अन्य समस्याएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत में मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में सबसे आम लक्षणों में बहुत अधिक गर्मी लगना और सोते समय पसीना आना शामिल है। इसके साथ नींद में रुकावट, चिड़चिड़ापन और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं भी शामिल होती हैं। इंडियन मेनोपॉज सोसाइटी के जारी किए एक अध्ययन के आंकड़ों में सामने आया है कि 75% महिलाएं इस तरह के लक्षणों का अनुभव करती हैं।
कैसे करें बचाव
इन समस्याओं से बचाव के लिए आपको मेडिकल कंसल्टेशन, मनोचिकित्सक से परामर्श और सोशल सपोर्ट के उपाय काफी फायदेमंद हो सकते हैं। मेनोपॉज के बाद महिलाओं को अपनी सेहत की नियमित जांच करानी चाहिए। ताकि वे अपनी सेहत का ध्यान रख सकें इसके बाद वाली अपनी लाइफ स्टेज का स्वागत हेल्दी रूप से कर सकें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयो...और देखें
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