World Asthma Day 2023: क्या बच्चों और वयस्कों में वायरल इंफेक्शन अस्थमा का कारण बन सकता है? एक्सपर्ट से जानिए
World Asthma Day 2023 : अस्थमा एक पुरानी सांस से सम्बंधित बीमारी है। जो एयरवेज में सूजन और सिकुड़न के कारण हो सकती है। यह अतिरिक्त बलगम का निमार्ण कर सकती है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, सांस लेते समय घरघराहट जैसे आवाज आती है और सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा खांसी भी ट्रिगर कर सकता है।
World Asthma Day 2023: क्या बच्चों और वयस्कों में वायरल इंफेक्शन अस्थमा का कारण बन सकता है? एक्सपर्ट से जानिए
'वायरल व्हीज' के लक्षण - Symptoms of Viral Wheezing
एंटोड फॉर्मास्यूटिकल के मेडिकल एडवाइजर डॉ. रोशन बोंडे, एमबीबीएस, डीएनबी (ENT) ने टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में बताया कि आमतौर पर यह समस्या खांसी और नाक बहने के साथ शुरू होती है। यह परेशानी 4 दिन या उससे कुछ अधिक समय तक रह सकती है। 'वायरल व्हीज' को 'प्रीस्कूल व्हीज' के नाम से भी जाना जाता है, जो बुखार में बदल सकता है। निम्नलिखित कुछ लक्षणों से इस बीमारी का संकेत मिलता है :
- खांसी
- तेज सांस लेना
- सांस लेने या छोड़ने या दोनों में अतिरिक्त आवाज
- बहुत तेज दिल की धड़कन
- सांस लेने के साथ पेट को अंदर खींचना
- सांस लेने के समय पसलियों का अंदर जाना
- बेचैनी
- सांस लेने में परेशानी के कारण लंबे वाक्य बोलने में रुकावट
'वायरल व्हीजिंग' और 'अस्थमा' के बीच संबंध - The connection between 'viral wheezing' and 'asthma '
डॉ. रोशन बोंडे के मुताबिक लगातार जोर-जोर से घरघराहट के साथ सांस लेते रहने को आमतौर पर अस्थमा का पहला संकेत माना जाता है। ज्यादातर मामलों में इस प्रकार की स्थिति बार-बार वायरल संक्रमण और वायुमार्ग में बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण आती है। बार-बार इस स्थिति के शिकार ज्यादातर बच्चे समय के साथ खुद स्वस्थ हो जाते हैं, लेकिन लगभग एक तिहाई नवजातों में यह समस्या अस्थमा का रूप ले लेती है। इस स्थिति को अस्थमा में बदलने वाले प्रमुख कारणों में पोषक (होस्ट) और रोगाणु के प्रकार और पर्यावरण या जीवनशैली शामिल हैं।
एटोपी की जल्दी शुरुआत, इस समस्या के पोषक तत्वों में से एक है, जिससे बार-बार जोर-जोर से सांस लेने की समस्या अस्थमा में बदल जाती है। जो बच्चे कम उम्र में ही एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, उन्हें इसका खतरा अधिक रहता है। इन संबंधों की पुष्टि की जा चुकी है, लेकिन क्या वायरल के कारण होने वाले रोगों से दमा हो सकता है, यह अभी भी चर्चा का विषय है। बार-बार जोर-जोर से सांस लेने की परेशानी के खतरे के कारणों में फेफड़ों का छोटा आकार, समय से पहले व्यस्कता और तंबाकू धूम्रपान करना आदि शामिल होते हैं।
'वायरल व्हीज' का उपचार - Treatment of Viral Wheezing
ज्यादातर मामलों में, बड़ों और बच्चों, दोनों में यह समस्या समय के साथ बिना उपचार ही दूर हो जाती है। हालांकि, यदि लक्षण बने रहें, तो डॉक्टर ब्लू इन्हेलर के प्रयोग की सलाह दे सकता है। इसी दवाई का प्रयोग अस्थमा में सांस लेने में सहायता के लिए किया जाता है। इसे आमतौर पर 'पफर' नाम से जाना जाता है, जो वायुमार्ग को खोलती है, जिससे हवा फेफड़ों तक आसानी से आ-जा सके।
डॉ. रोशन बोंडे ने कहा कि अस्थमा और वायरल व्हीजिंग, दो अलग-अलग स्थितियां हैं, जिनका आपस में नजदीकी संबंध है। कई शोध में सामने आया है कि वायरल से होने वाले संक्रमण, 80% मामलों में अस्थमा को बढ़ा देते हैं। विशेष रूप से बच्चों में। 'वायरल व्हीज' के कारण वायुमार्ग की संरचना में बदलाव हो सकता है, जिससे यह भविष्य में सूजन और संकुचन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में इस समस्या से पीड़ित बच्चों में अस्थमा विकसित होने का खतरा ज्यादा रहता है। सूंघे जाने वाले कोर्टिकोस्टेरॉयड्स अस्थमा के उपचार का मुख्य अंग हैं और वायरल व्हीज की गंभीरता को कम करने में भी प्रभावी हैं। 'वायरल व्हीजिंग' का शुरुआत में पता चलने पर बाद में अस्थमा से बचा जा सकता है।
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