World Asthma Day 2023: आज है 'वर्ल्ड अस्थमा डे', जानिए क्या है इसका इतिहास और इस बार का थीम
World Asthma Day 2023: दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस वर्ष 2 मई को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाएगा। दमा को अस्थमा भी कहते हैं। इस दिन को मानाने के पीछे मुख्य उद्देश्य अस्थमा बीमारी से पीड़ित लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना और अस्थमा के इलाज के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
World Asthma Day 2023: हम अस्थमा दिवस क्यों मनाते हैं?
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इस विकार में हमें अक्सर सांस लेने में परेशानी होती है और हमारे फेफड़ों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। लेकिन अब इस बीमारी की रफ्तार बढ़ती जा रही है। प्रदूषण, पेड़-पौधों के नष्ट होने से कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। लेकिन बढ़ती गर्मी के कारण अस्थमा की दर भी बढ़ रही है। आइए जानते हैं-
विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास - World Asthma Day History 2023
विश्व अस्थमा दिवस प्रतिवर्ष ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा आयोजित किया जाता है। पहला विश्व अस्थमा दिवस 35 से अधिक देशों में 1998 में बार्सिलोना, स्पेन में पहली विश्व अस्थमा कांग्रेस के संयोजन में मनाया गया था।
इस साल की थीम - World Asthma Day Theme 2023
इस वर्ष विश्व अस्थमा दिवस की थीम 'अस्थमा केयर फॉर ऑल' है। इस थीम के अनुसार भारत सहित दुनिया भर के देश अस्थमा के बारे में वैश्विक जागरूकता पैदा करेंगे।
अस्थमा की बीमारी क्यों बढ़ रही है ? - Why is the disease of asthma increasing?
बढ़ते प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन से कमजोर हो रही है रोग प्रतिरोधक क्षमता। श्वसन संबंधी विकार जैसे सांस की तकलीफ, खांसी, गले में खराश, छाती में जमाव, ठंड आदि वायु जनित ब्रोंकाइटिस के साथ बढ़ रहे हैं।
इससे अस्थमा हो जाता है। जलवायु परिवर्तन की वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन 92 फीसदी मरीज गंभीर अस्थमा अटैक के बाद ही डॉक्टर के पास जाते हैं, श्वसन विशेषज्ञों के मुताबिक धूल के कण से अस्थमा का दौरा पड़ता है।
'हाउस डस्ट माइट' यानी घर की धूल से एलर्जी - Allergy to house dust mite
अस्थमा फेफड़ों में श्वसन वाहिकाओं की सूजन का कारण बनता है, जिससे उनका व्यास कम हो जाता है। इसके कारण ये वायुमार्ग संकुचित हो जाते हैं। ऐसे में सांस छोड़ने में दिक्कत होती है। फेफड़ों के समग्र कार्य में रुकावट के कारण सांस फूलना होता है। इसे दमा कहते हैं। 'हाउस डस्ट माइट' यानी घर की धूल से एलर्जी।
एक अध्ययन से पता चला कि 44 प्रतिशत रोगियों को घर की सफाई, झाड़ू लगाने और पोछा लगाने के दौरान पाए जाने वाले 'हाउस डस्ट माइट' से अस्थमा हो गया था। इसलिए अस्थमा के मरीजों को घर की साफ-सफाई करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अस्थमा के मुख्य लक्षण - Main symptoms of asthma
सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी, लगातार खांसी, सीने में दर्द और चलते समय सांस फूलना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
अगर आपको अस्थमा है तो कैसे ध्यान रखें? - How to take care if you have asthma?
इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अभी तक कोई दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन डॉक्टर द्वारा दी गई दवा उचित मात्रा में लेनी चाहिए। ऐसे रोगियों को घर से बाहर निकलते समय रूमाल या मास्क का प्रयोग करना चाहिए ताकि धूल नाक और मुंह में न जाए। जितना हो सके धूल या प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें। पालतू जानवरों से दूर रहें। इनहेलर का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। ऐसे रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अधिक ठंडे या खट्टे पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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