World Hemophilia Day 2023: हीमोफीलिया की वजह से ब्रिटेन के प्रिंस की हुई थी मौत; जानिए कारण और लक्षण
World Hemophilia Day 2023 in Hindi: वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया द्वारा हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। विश्व हीमोफिलिया दिवस 1989 में शुरू हुआ और 17 अप्रैल को हीमोफिलिया के विश्व संघ के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल के जन्मदिन को सेलिब्रेट करने के लिए मनाया गया। ब्लीडिंग डिजीज वाले लोगों को शिक्षित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
Hemophilia in Hindi: हीमोफीलिया किस विटामिन की कमी से होता है?
World Hemophilia Day 2023 : वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया द्वारा हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। यह हीमोफिलिया और अन्य ब्लीडिंग से संबंधित बिमारियों के गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है। हीमोफिलिया एक जानलेवा बीमारी है जिसमें चोट लगने के बाद व्यक्ति का खून बहना बंद नहीं होता है। यानी मामूली सी चोट लगने पर भी ऐसे व्यक्ति का खून नहीं रुकता और ज्यादा खून बहने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। ऐसे ही एक मौत ब्रिटेन की प्रिंस की हुई थी। आइये जानते हैं इसके लक्षण और कारण-
ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया 40 करोड़ से भी ज्यादा लोगों पर राज की, उनके समय (1837-1901) में ब्रिटेन एक महाशक्ति के रूप में उभरा। इन सबके अलावा महारानी को एक और बात के लिए जाना जाता है वह उनकी बीमारी; महारानी की मृत्यु एक जानलेवा बीमारी हीमोफीलिया के कारण हुई थी। इस बीमरी की पहली शिकार महारानी हुई थी, इसी कारण इस बीमारी को रॉयल डिजीज भी कहा जाता है।
हीमोफीलिया के कारण ब्रिटेन प्रिंस की हुई थी मौत - British Prince died due to Hemophilia
इसी बीमारी के बारे में तब पता चला जब परिवार के अन्य लोग भी इस बीमारी की चपेट में आने लगे, महारानी विक्टोरिया की दो बेटियों और एक बेटे को यह बीमारी हो गई थी। हीमोफीलिया के चलते महारानी के बेटे प्रिंस लियोपोल्ड की मौत एक दुर्घटना के बाद ब्लीडिंग न बंद होने कारण हुई थी। इसके बाद महारानी की बेटियों की शादी अलग-अलग देश के राजकुमारों से हुई तो यह बीमारी कई राजघरानों में फ़ैल गयी। इसके बाद हीमोफीलिया ने अपने पैर दुनिया में पसारने शुरू कर दिए। आज कई देशों के लोग हीमोफीलिया से पीड़ित हैं।
हीमोफीलिया के कारण क्या हैं ? - What are the causes of Hemophilia?
आपको बता दें कि हीमोफिलिया एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें शरीर के बाहर बहने वाले रक्त का थक्का नहीं जमता है। चोट लगने या दुर्घटना होने पर यह रोग जानलेवा साबित होता है, क्योंकि खून जल्दी नहीं रुकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग का कारण रक्त (ब्लड) प्रोटीन की कमी है जिसे 'क्लॉटिंग फैक्टर' कहा जाता है। इस प्रोटीन की खासियत है कि यह थक्का जमाकर बहते खून के बहाव को रोक देता है।
हीमोफीलिया के लक्षण क्या हैं ? - What are the symptoms of Hemophilia?
यदि कोई व्यक्ति हीमोफिलिया से पीड़ित है, तो उसे एक छोटी सी खरोंच लगने पर भी खून बहता रहता है। ऐसे व्यक्ति की हड्डियों के जोड़ों में दर्द बना रहता है। शरीर के किसी हिस्से में अचानक सूजन आ जाना। उन्हें मल या पेशाब में खून आता है। शरीर पर नीले निशान पड़ जाते हैं। नाक से खून आना, मसूड़ों से खून आना, त्वचा का आसानी से खुजलाना जैसे कई लक्षण हैं।
हीमोफीलिया का इलाज क्या है ? - What is the treatment of Hemophilia?
हीमोफीलिया का कोई स्थाई इलाज नहीं है। वर्तमान में हीमोफिलिया के रोगियों को अपने रक्त में थक्का जमाने वाले फैक्टर्स को बदलना पड़ता है। आमतौर पर यह इलाज हर जगह उपलब्ध होता है। इस प्रक्रिया में थक्का जमाने वाले फैक्टर्स को रोगी की नसों में इंजेक्ट किया जाता है। यह उपचार जीवन भर चलता है। इसके अलावा डॉक्टरों की सलाह लेकर अत्यधिक रक्तस्राव से बचने या रोकने का भी ध्यान रखा जाता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
प्रणव मिश्र author
मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited