World Hepatitis Day: आयुर्वेद में छिपा है फैटी लिवर का देसी इलाज, सिर्फ जीवनशैली में सुधार करके पा सकते हैं जल्द छुटकारा

Fatty Liver Disease Ayurvedic Treatment In Hindi: अगर किसी व्यक्ति को फैटी लिवर रोग हो गया है, तो इसके लिए आपको बहुत ज्यादा दवाएं खाने की जरूरत नहीं है। आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियों और स्वस्थ जीवनशैली की मदद से आसानी से इसे ठीक किया जा सकता है। यहां जानें आयुर्वेद में कैसे किया जाता है फैटी लिवर का इलाज।

Fatty Liver Disease Ayurvedic Treatment In Hindi

Fatty Liver Disease Ayurvedic Treatment In Hindi

Fatty Liver Disease Ayurvedic Treatment In Hindi: फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें हमारे लिवर में फैट कोशिकाएं बहुत अधिक हो जाती हैं। आपको बता दें कि अब फैटी लिवर की बीमारी को स्टेटोटिक लिवर रोग (SLD) कहा जाता है। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, वर्ष 2023 में, विशेषज्ञों ने इसके कारणों को अधिक सटीक रूप से दर्शाने के लिए स्थिति और इसकी उप श्रेणियों का नाम बदल दिया। फैटी लिवर के प्रकार होते हैं, पहला नॉन-अक्लोहोलिक फैटी लिवर और दूसरा अल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग। जब किसी व्यक्ति के लिवर में फैट की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है, तो इसकी वजह से लिवर को अपना काम करने में काफी परेशानी होती है। इससे लिवर फंक्शन गंभीर रूप से प्रभावित होती है। यह शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं आमतौर पर फैटी लिवर के लिए इलाज के लिए तरह-तरह दवाएं दी जाती हैं। साथ ही, कई तरह के परहेज करने की भी सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, आयुर्वेद में बिना दवाओं के भी फैटी लिवर का उपचार किया जा सकता है। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रेखा राधामोनी ने सोशल मीडिया पर फैटी लिवर का देसी इलाज बताया है। यहां हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं....

फैटी लिवर का आयुर्वेदिक इलाज - Ayurvedic Treatment For Fatty Liver Disease In Hindi

डॉ. रेखा की मानें तो नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) असंतुलित अग्नि (खराब गट हेल्थ) के कारण होने वाला एक मेटाबॉलिक रोग है। आयुर्वेद में, एनएएफएलडी को "लिवर रोग" या "मेदो रोग" कहा जाता है। इससे लिवर का आकार बढ़ जाता है। भारत में 3 में से एक वयस्क इस बीमारी से पीड़ित है। इसके उपचार के लिए सबसे पहले आपको इसके कारणों को समझने की जरूरत है।

आयुर्वेद के अनुसार नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग के कारण

  • गतिहीन जीवन शैली
  • पचने में भारी भोजन का सेवन
  • मसालेदार भोजन का सेवन
  • क्षमता से अधिक खाना!
  • अतिसक्रिय, आक्रामक मन
Ayurvedic Remedies Treat Urinary Tract Infection

आयुर्वेद में कैसे किया जाता है फैटी लिवर का इलाज

स्टेप 1: सबसे पहले फैटी लिवर के इलाज के लिए शरीर की सूजन कम करने पर ध्यान दिया जाता है। इसके लिए ज्यादातर आहार में बदलाव और कभी-कभी हल्की जड़ी-बूटियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
स्टेप 2: 'अपतर्पण'
इसमें व्यक्ति को आसानी से पचने वाले फूड और जड़ी-बूटियां देकर, उनकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाया जाता है। इससे शरीर की चर्बी (मेदो धातु) को कम करने में मदद मिलती है। मरीज को वर्कआउट करने और दिन के दौरान अधिक सक्रिय रहने की भी सलाह दी जाती है।
स्टेप 3: रक्त को शुद्ध करना
इसके लिए स्वस्थ आहार, हल्की जड़ी-बूटियों की मदद ली जाती है। इनकी मदद से लिवर और आंतों के लिए की सफाई होती है। यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
3 महीने के अंत तक, अधिकांश रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, और यूएसजी आमतौर पर साफ हो जाता है। हालांकि, बीमारी की सीमा के आधार पर कुछ को अतिरिक्त 3 महीने की आवश्यकता हो सकती है।

एक्सपर्ट की सलाह

आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के अनुसार नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर काफी हद तक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है। यदि आपका वजन अधिक है, तो पहले वजन कम करने का प्रयास करें, हो सकता है कि आपको दवाओं की भी जरूरत न पड़े।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited