World Immunization Week: बिमारियों से बचाव के लिए बेहद जरूरी है वैक्सीन, एक्सपर्ट से जानिए कितना महत्वपूर्ण है वयस्कों का टीकाकरण
The Importance of Getting Vaccinated : वैक्सीन के चलते संक्रामक रोगों से प्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा मिलती है और साथ ही इंफेक्शन के दुष्प्रभावों से बचाव करता है। टीकारण पूरे जीवनचक्र में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर रखने में भी मदद पहुंचाता है। लेकिन इसके बावजूद, वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम को उस तरह से लागू नहीं किया गया है जैसा कि बाल्यावस्था टीकाकरण को किया जा चुका है।
World Immunization Week: कोविड टीकाकरण आवश्यक क्यों है?
World Immunization Week: मेडिकल और हेल्थकेयर के क्षेत्र में प्रगति, अधिक स्वास्थ्यवर्धक खुराक, स्वच्छ पानी और साफ-सफाई तथा वैक्सीनों की उपलब्धता के चलते दुनियाभर में लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ रही है। भारत में 2022 में लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70 वर्ष थी जो कि संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार, 2100 तक बढ़कर 82 वर्ष होने की संभावना है। लेकिन जैसे-जैसे लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ती है, यह महत्वपूर्ण होता है कि बुजुर्गों को बिना किसी संक्रमण या बीमारी अथवा बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की आशंका से मुक्त सेहतमंद तरीके से जीवन बिताने का मौका मिले।
लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ने पर अन्य कई रोगों जैसे कि हृदय रोग, गुर्दा रोग, कैंसर आदि का खतरा भी बढ़ता है। बुजुर्गों में किसी भी प्रकार का रोग अधिक गंभीर रूप से असर करता है और उनके स्वास्थ्य पर इसकी वजह से कहीं अधिक बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से न सिर्फ कमजोरी, बीमारी, विकलांगता बढ़ती है बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है और वित्तीय बोझ भी बढ़ाता है। जीवन के अलग-अलग पड़ावों पर हमारे इम्यून सिस्टम में भी बदलाव होते हैं।
फोर्टिस अस्पताल नोएडा के इंफेक्शियस डिज़ीज़ विभाग की कंसल्टेंट डॉक्टर छवि गुप्ता ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि नवजातों में इम्यून सिस्टम काफी अपरिपक्व होता है जिसकी वजह से वे इंफेक्शन के शिकार बनते हैं। हमारा इम्यून सिस्टम बाल्यावस्था से वयस्क होने तक धीरे-धीरे मजबूत होता रहता है और इसके बाद धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ कमजोर होने लगता है, इसे ‘इम्युनोसेनेसेंस’ कहते हैं। यही कारण है कि वृद्ध लोग कई संक्रामक रोगों जैसे कि निमोनिया, हर्पीज़ ज़ॉस्टर आदि के ज्यादा शिकार बनते हैं। संक्रामक रोग और उनके परिणाम, जैसे कि निमोनिया आदि के कारण शरीर और कमजोर हो जाता है और शारीरिक शिथिलता तथा मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है।
वयस्कों का टीकाकरण
इसी तरह, दुनियाभर में बाल्यावस्था में टीकाकरण कार्यक्रम चलाए जाते हैं, लेकिन इम्यूनोसेनेसेंस की वजह से ऐसे वैक्सीनेशन प्रोग्रामों की जरूरत रहती है जिन्हें उनकी जिंदगी के बाद के चरणों में भी लागू कर जीवनरक्षा की जा सके। वयस्कों का टीकाकरण बढ़ती उम्र में स्वास्थ्यरक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इस बात के विश्वसनीय सबूत भी मिल चुके हैं कि इससे रुग्णता, मृत्यु पर नियंत्रण करने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। बढ़ती उम्र के लोगों के मामले में वैक्सीन के प्रयोग से उन्हें आगे चलकर सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
World Immunization Week Theme - 'द बिग कैच-अप'
मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइजेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डॉ. गोपाल के. सोनी ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि “टीकाकरण एक स्वस्थ दुनिया की कुंजी है। इस विश्व टीकाकरण सप्ताह में 'द बिग कैच-अप' की थीम के तहत, अधिक लोगों, विशेष रूप से बच्चों को छूटे हुए टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिए देशों में तेजी से प्रगति को गति देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। टीके न केवल घातक बीमारियों के प्रसार को रोकने में एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं बल्कि स्वास्थ्य सेवा में समानता का एक प्रमुख स्तंभ भी हैं। COVID-19 टीकों ने हमें आशा दी है और महामारी के प्रभाव को कम करने और सामान्य स्थिति की भावना पर लौटने में हमारा सबसे अच्छा साधन है।"
"वैक्सीन न लगवाने से 128000 हज़ार लोगों की हुई मौत"
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. अनुराग सक्सेना ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, वर्ष 2021 में लगभग 25 मिलियन कम से कम एक नियमित टीका लेने से चूक गए और लगभग 18 मिलियन बच्चों को कोई टीका नहीं मिला। उसी वर्ष, लगभग 128,000 लोगों की खसरे से मृत्यु हो गई। महामारी के तीन वर्षों ने हमें टीकाकरण के मामले में कई साल पीछे खींच लिया है। न केवल टीकाकरण बल्कि अच्छा खाना और समय पर व्यायाम आपको बहुत आगे तक ले जा सकता है। छोटी उम्र से ही बच्चों में ये आदतें डालने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा हो सकता है। सुनिश्चित करें कि आप भरपूर मात्रा में मौसमी फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट खाएं।
सिटी इमेजिंग एंड क्लिनिकल लैब्स के सीईओ और लीड मेडिकल एडवाइजर, डॉ. आकार कपूर ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि विश्व टीकाकरण सप्ताह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा में टीकों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है। डायग्नोस्टिक्स सेंटर के रूप में हम बीमारियों का व्यक्तियों, परिवारों और पूरे समुदायों पर पड़ने वाले प्रभाव से पूरी तरह अवगत हैं और हम संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने में टीकों की जबरदस्त शक्ति को पहचानते हैं।
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