World Milk Day 2023: कौन सी बीमारी में दूध नहीं पीना चाहिए? एक्सपर्ट से जानिए क्या है दूध पीने का सही समय

World Milk Day 2023 in Hindi: दूध और अन्य डेयरी उत्पाद डाइट में सैचुरेटेड फैट के शीर्ष स्रोत हैं, जो हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और अल्जाइमर रोग में योगदान करते हैं। अध्ययनों ने डेयरी को स्तन, डिम्बग्रंथि और प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते जोखिम से भी जोड़ा है। आइये एक्सपर्ट से जानते हैं किन बीमारियों में दूध का सेवन करना चाहिए-

milk benefits,milk,health benefits of milk

Health Benefits of Milk: सुबह खाली पेट दूध पीना चाहिए कि नहीं?

World Milk Day 2023 in Hindi: ऐसी कुछ परिस्थितियां होती हैं, जिनमें लोगों को दूध की मात्रा कम करनी पड़ सकती है या दूध पीना बिल्कुल बंद करना पड़ सकता है। इन परिस्थितियों में लैक्टोस इन्टॉलरेंस, दूध से एलर्जी और पाचन से जुड़ी कुछ समस्याएं शामिल हैं। उजाला सिग्नस लक्ष्मी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वाराणसी के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डीएम, डॉ इंद्रेश दीक्षित से बातचीत की है। आइए, इनमें से प्रत्येक पर विस्तार से नजर डालते हैं :

लैक्टोस इन्टॉलरेंस - Lactose Intolerance

उजाला सिग्नस लक्ष्मी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वाराणसी के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डीएम, डॉ इंद्रेश दीक्षित ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि लैक्टोस दूध और डेयरी उत्पादों में पाई जाने वाली शुगर होती है और लैक्टोस इन्टॉलरेंस उस स्थिति को कहते हैं, जब शरीर को लैक्टोस पचाने में परेशानी होती है। इस समस्या से पीड़ित लोगों में लैक्टेस एंजाइम नहीं पाया जाता, जो लैक्टोस को तोड़ने के लिए आवश्यक होता है। यदि लैक्टोस अच्छी तरह नहीं पचता है, तो इससे पेट फूलना, गैस, डायरिया और पेट में बेचैनी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। लैक्टोस इन्टॉलरेंस से पीड़ित लोगों को दूध और डेयरी उत्पादों की मात्रा कम करनी पड़ सकती है या दूध पीना बिल्कुल बंद करना पड़ सकता है। हालांकि, इस समस्या को झेलने वाले कई लोग लैक्टोस की थोड़ी मात्रा सहन कर लेते हैं, जिससे वे कम लैक्टोस वाले या लैक्टोस से मुक्त डेयरी उत्पादों का सेवन कर सकते हैं।

दूध से एलर्जी - Milk Allergy

दूध से एलर्जी के दौरान, शरीर का इम्युन सिस्टम दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन्स के प्रति नकारात्मक व्यवहार करता है। इससे कई लक्षण पैदा होते हैं, जैसे - पित्ती, सूजन, पाचन की समस्याएं और गंभीर मामलों में ऐनफ्लैक्सिस। दूध से एलर्जी वाले लोगों को दूध और दूध के प्रोटीन वाले सभी उत्पादों से दूर रहना पड़ता है। इन उत्पादों में डेयरी उत्पाद और दूध से किसी भी रूप में तैयार खाद्य-पदार्थ भी शामिल होते हैं। इस एलर्जी के शिकार लोगों को बाहर का कोई पदार्थ खाने से पहले उसका फूड-लेबल ध्यान से पढ़ लेना चाहिए और कैल्शियम और दूध से प्राप्त अन्य पोषक तत्वों के वैकल्पिक स्रोतों के प्रति सावधान रहना चाहिए।

पाचन संबंधी परेशानियां - Digestive Problems

पाचन संबंधी समस्याएं जैसे इन्फ्लेमेट्री बाउल डिजीज (आईबीडी) या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) दूध में पाए जाने वाले लैक्टोस या केसीन (दूध में मौजूद प्रोटीन) जैसे तत्वों के प्रति संवेदनशीलता पैदा कर सकती हैं। इन मामलों में, पाचन से जुड़ी परेशानियां सामने आती हैं, जैसे - डायरिया, पेट में दर्द या दूध पीने के बाद पेट फूलना। ये परेशानियां सामने आने पर दूध से दूर रहना या सीमित मात्रा में पीना फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, कैल्शियम और पोषक तत्वों के वैकल्पिक स्रोतों के बारे में सोचना चाहिए।

दूध पीने का सही समय - Best Time to Drink Milk

दूध पीने का सही समय व्यक्तिगत पसंद या भोजन की आवश्यकताओं के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। इस बारे में निम्नलिखित तथ्य जानना मददगार हो सकता है:

सुबह : अनेक लोग सुबह को नाश्ते में दूध पीना पसंद करते हैं। दिन की शुरुआत के लिए दूध, प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत हो सकता है।

व्यायाम के बाद : दूध में कार्बाहाइड्रेट्स और प्रोटीन का संतुलित अनुपात होता है, जिससे यह व्यायाम के बाद सामान्य स्थिति में आने के लिए पसंद किया जाता है। दूध में प्रोटीन से मांसपेशियों की रिकवरी और उन्हें फिर से मजबूत बनाने में मदद मिलती है और कार्बोहाइड्रेट्स से पुन: ऊर्जा मिलती है।

सोने से पहले : दूध को अक्सर अच्छी नींद के साथ जोड़कर देखा जाता है। इसका कारण इसमें पाया जाने वाला एमीनो एसिड ट्रिप्टोफेन होता है। यह आराम में सहायक है। गर्म दूध को नींद नहीं आने की समस्या दूर करने के लिए आमतौर पर प्रयोग किया जाता है। हालांकि, इसका हर व्यक्ति में अलग असर हो सकता है और नींद पर भी हर व्यक्ति में अलग प्रभाव दिखाई देता है।

यह जानना रोचक होगा कि दूध पीने का समय लोगों की पसंद, खाने-पीने के नियमों और शरीर की सहन-शक्ति पर निर्भर करता है। हेल्थकेयर प्रोफेशनल या रजिस्टर्ड डायटिशियन से सलाह लेने पर, वे आपकी विशेष जरूरतों और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर इस बारे में व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। हेल्थ (Health News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited