World Organ Donation Day: अंगदान की इच्छा को लेकर जरूरी है परिवार के साथ बातचीत, डॉक्टर से जानें प्रियजनों के साथ कैसे कर सकते हैं इस पर चर्चा

World Organ Donation Day: अंगदान की इच्छा को लेकर परिवार के साथ खुलकर बातचीत करना बहुत आवश्यक है। इससे दुख के समय के दौरान अंगदान को लेकर भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने में मदद मिलती है। यह मुश्किल समय के दौरान भावनात्मक रूप से आपके बोझ को हल्का करने में मदद करता है।

World Organ Donation Day

World Organ Donation Day

World Organ Donation Day: अंगदान किसी महादान से कम नहीं है। अंगदान करके किसी व्यक्ति को नया जीवन दिया जा सकता है। अंग डैमेज होने या ऑर्गन फेलियर की वजह से बहुत से लोग कम उम्र में ही अपना जान गंवा देते हैं। हर साल 13 अगस्त को दुनिया भर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य लोगों के बीज अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाना है। साथ ही, उन्हें अगं दान के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर प्रोत्साहित करना है, जिससे कि ऑर्गन डोनर की लिस्ट में शामिल हो सकें।
लेकिन आज भी हम देखते हैं कि एक महत्वपूर्ण विषय को नजरअंदाज किया जाता है। हम लोगों के बीच अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन अपने परिवार में इसको लेकर कभी खुलकर बात नहीं कर पाते हैं। परिवार के बीच बातचीत के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता है। मुश्किल समय में अंगदान की पसंद को समझना और साझा करना व्यक्तियों और उनके परिजन, दोनों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। परिवार के बीच अंगदान को लेकर चर्चा करना क्यों महत्वपूर्ण है और आप इसकी शुरुआत कैसे कर सकते हैं, इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स के जाने माने डॉक्टर डॉ. पुनीत सिंगला से बात की, जो अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट एवं जीआई सर्जरी विभाग के डायरेक्टर हैं। इस लेख में हम आपके साथ उनकी द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहे हैं...

परिवार व प्रियजनों के साथ चर्चा करना क्यों महत्वपूर्ण है?

डॉ. पुनीत के अनुसार, अंगदान की मदद से बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकती है। अपने प्रियजनों के साथ अंगदान को लेकर खुलकर बात करना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि जब कोई परिवार पहले से अपने किसी प्रियजन को देने की स्थिति से अत्याधिक दुखी होती है, तो ऐसे में उनके लिए अंगदान का निर्णय लेना और भी कठिन हो जाता है। इस तरह के विषयों पर पहले से चर्चा करके, परिवार यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके फैसले मृत व्यक्ति की इच्छाओं के अनुरूप हों। इससे भावनात्मक रूप से संवेदनशील समय के दौरान बोझ को हल्का करने में मदद मिलती है।

भारत में इसकी जरूरत

भारत में आवश्यक अंगों की संख्या और ट्रांसप्लांट के लिए उपलब्ध अंगों की संख्या में एक बहुत बड़ा अंतर है। भारत में मृत व्यक्तियों के अंगदान का दर बहुत ही कम है। यह आंकड़ा 0.26 प्रति मिलियन आबादी है। यह कम दर महत्वपूर्ण रूप से उन 500,000 लोगों की वार्षिक मौत का कारण बनती है, जो अपने लिए जरूरी अंग प्राप्त करने में असफल रहते हैं। यह असमानता अंग दानकर्ताओं की ज्यादा संख्या की अत्यधिक जरूरत को प्रमुखता से दर्शाती है। यह अंगदान की इच्छा के बारे में परिजनों के साथ चर्चा के महत्व को भी रेखांकित करती है।

कैसे करें चर्चा की शुरुआत

डॉ. पुनीत के अनुसार, अंगदान के बारे में चर्चा की शुरुआत करना बहुत मुश्किल लग सकता है, लेकिन इससे असहज होने की जरूरत नहीं है। नीचे कुछ स्टेप दिए गए हैं, जिससे इस महत्वपूर्ण चर्चा को शुरू करना आसान हो सकता है:

1. सही समय और सही जगह चुनें

एक शांत और निजी जगह ढूंढें जहां हर कोई सहज महसूस करे। इस चर्चा के लिए सबसे अच्छा होगा कि सभी लोग पूरी तरह रिलैक्स हों और अन्य तनावपूर्ण चीजों का विचार उनके दिमाग में ना हो।

2. व्यक्तिगत राय शेयर करें

अंगदान क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है, इस पर अपनी व्यक्तिगत राय शेयर करते हुए बातचीत की शुरूआत करें। इससे चर्चा को संभालने में आसानी हो सकती है। साथ ही, अन्य लोगों को उनकी अपनी राय साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

3. जरूरी जानकारी शेयर करें

कई लोगों को अंगदान के बारे में अच्छी तरह पता नहीं होता है। इसको लेकर उनके मन में गलत धारणाएं हो सकती है। ऐसे में उन्हें सही जानकारी प्रदान करें। उन्हें बताएं अंगदान का कार्य किस प्रकार होता है, अंगदान के कितने प्रकार होते हैं और इससे किस प्रकार का प्रभाव हो सकता है। इस बात पर जोर दें कि अंगदान करना एक व्यक्तिगत निर्णय है और प्रत्येक व्यक्ति के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।

4. पसंद को बातचीत करें

अंगदान के बारे में परिवार के सदस्यों से उनकी पसंद के बारे में पूछें। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक व्यक्ति इस बात को समझे कि उनकी इच्छाओं का सम्मान किया जाएगा। उनकी किसी भी प्रकार की चिंता या सवालों के बारे में खुला संवाद करने के लिए प्रोत्साहित करें।

5. डॉक्यूमेंट तैयार करें

प्रत्येक व्यक्ति को उनकी राय शेयर करने का मौका मिलने के बाद, सुनिश्चित करें कि उनकी पसंदों का डॉक्यूमेंट तैयार किया जाए। अंगदान के फैसलों को विभिन्न प्राधिकृत रजिस्ट्री के माध्यम से रजिस्टर किया जा सकता है, जो भारत में अलग अलग क्षेत्रों के लिए विशिष्ट रूप से मौजूद होते हैं। इस बात को सुनिश्चित करें कि इन रिकॉर्ड के बारे में परिवार के सभी सदस्यों को जानकारी हो।

6. बीच-बीच में फिर से चर्चा करें

समय के साथ परिस्थितियां और व्यक्ति की भावनाएं बदल सकते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि नियमित समय के बाद इस विषय पर फिर से चर्चा करें। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है, कि प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा अपडेटेड रहे और परिवार को उनकी इस इच्छा के बारे में पूरी जानकारी रहे।

चिंताओं का समाधान करें

अंगदान के बारे में व्यक्तियों का चिंतित होना या इसके बारे में संदेह होना सामान्य बात है। कुछ लोगों को इसके नैतिक पहलुओं को लेकर चिंता हो सकती है, या इसकी प्रक्रिया के बारे में बेचैनी हो सकती है। इन चिंताओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करें। ज्यादा जानकारी देने के लिए संसाधन उपलब्ध कराएं। गलत धारणाओं के बारे में उन्हें समझाने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया के माध्यम से दूसरों से प्राप्त जानकारी से डर दूर करने में मदद मिल सकती है।

हेल्थ केयर एक्सपर्ट की भूमिका

इस संपूर्ण प्रक्रिया में आपकी सहायता करने के लिए हेल्थकेयर एक्सपर्ट मौजूद होते हैं। यदि अंगदान के बारे में कोई सवाल हो तो किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने से मार्गदर्शन और सवालों के जवाब मिल सकते हैं। इससे जानकारी आधारित निर्णय लेने में सहायता मिल सकती है। भारत में राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संस्था (NOTTO) एक आसान पंजीकरण प्रक्रिया है। यह अन्य संसाधनों के बारे में जानकारी प्रदान करती है, जिसके बारे में आपको जानने की जरूरत है।

आपके फैसले का प्रभाव

अंगदान की इच्छा के बारे में चर्चा करके और इसके दस्तावेज तैयार करके उन संभावित अंग प्राप्तकर्ताओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों को स्पष्टता और शांति प्रदान की जा सकती है। इस प्रोएक्टिव तरीके से यह सुनिश्चित हो पाता है कि फैसलों का आदर हो और दुख के दौरान प्रियजनों को मुश्किल फैसले लेने की नौबत ना आए।
अंगदान के बारे में खुलकर चर्चा करने और परिवारों को इस प्रकार की बातचीत करने के लिए सक्षम बनाने से अन्य लोगों के लिए भी अच्छा उदाहरण बन सकता है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित हो सकता है कि व्यक्ति की इच्छाओं का सम्मान हो और मुश्किल समय में परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके। इस प्रकार की बातचीत को प्राथमिकता देने से सहानुभूतिपूर्ण और जानकारी आधारित निर्णय लेने का मार्ग खुल सकेगा।
अस्वीकरण: यह जानकारी एक योग्यता प्राप्त स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ द्वारा प्रदान की गई है। हालांकि, अंगदान या प्रत्यारोपण के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले परिवार के सदस्यों और संबंधित स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों से सलाह लेना अनिवार्य है।
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