World Osteoporosis Day 2024: हड्डियों को कमजोर करने वाले घातक बीमारी है ऑस्टियोपोरोसिस, ये लक्षण दिखते ही भागें डॉक्टर के पास, जानें इसके कारण और इलाज

Causes Of Osteoporosis Symptoms Treatment Prevention Tips: ऑस्टियोपोरोसिस एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय बीमारी है। जागरूकता, सही समय पर जांच और जीवनशैली में बदलाव से इस बीमारी से होने वाले खतरों को कम किया जा सकता है। विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (20 अक्टूबर) पर हमें हड्डियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए और अपने परिवार के बुजुर्गों की देखभाल पर ध्यान देना चाहिए।

Causes Of Osteoporosis Symptoms Treatment Prevention Tips

Causes Of Osteoporosis Symptoms Treatment Prevention Tips

Causes Of Osteoporosis Symptoms Treatment Prevention Tips: स्वस्थ शरीर के लिए यह बहुत आवश्यक है कि हमारी हड्डियां भी स्वस्थ रहें। हमारी हड्डियां हमारे शरीर के ढांचे को टिकाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन आजकल हम देखते हैं कि लोगों का शरीर कम उम्र में ही झुकने लगा है। उनकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं और वे आए दिन इसकी वजह से गंभीर दर्द और फ्रैक्चर आदि जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन दिनों लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें व्यक्ति की हड्डियां कमजोर और नाजुक होने लगती हैं। इसमें बोन डेंसिटी बहुत कम हो जाती है, इसकी वजह से छोटी-मोटी चोट लगने या एक्टिविटी करने पर भी हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे में लोगों को हड्डियों को स्वस्थ रखने के महत्व को समझाने और उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस के प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी क्यों होती है, इसके कारण, लक्षण और उपचार आदि के बारे में जानने के लिए हमने शारदा केयर - हेल्थसिटी के आर्थोपेडिक्स एवं स्पाइन विभाग में कंसल्टेंट डॉ. निशित पालो से बात की। यहां जानें इसके बारे में विस्तार से...

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण - Causes Of Osteoporosis In Hindi

डॉ. निशित पालो के अनुसार, देश में लगातार बढ़ती इस समस्या का प्रमुख कारण बदलती जीवनशैली और खान-पान की आदतें हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 5 करोड़ लोग ऑस्टियोपोरोसिस या इसके प्रारंभिक लक्षणों (ऑस्टियोपीनिया) से ग्रस्त हैं। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद इसका खतरा अधिक देखने को मिलता है। भारत में उम्रदराज आबादी के बढ़ते प्रतिशत के कारण ऑस्टियोपोरोसिस का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि महिलाओं में हर 3 में से 1 और पुरुषों में हर 5 में से 1 व्यक्ति 50 वर्ष की उम्र के बाद इस बीमारी से प्रभावित हो सकता है। विशेष रूप से शहरी जीवनशैली और पोषण संबंधी समस्याओं के कारण स्थिति और गंभीर होती जा रही है। इसके कई अन्य कारण भी देखने को मिल सकते हैं जैसे,

  • पोषण की कमी: लंंबे समय तक शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी।
  • बढ़ती उम्र: जब व्यक्ति 30 की उम्र को बार करता है तो उसकी बोन डेंसिटी कम होने लगती है।
  • मेनोपॉज: महिलाओं में पीरियड बंद होने के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी की वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
  • पारिवारिक इतिहास: जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को यह बीमारी रही है, ऐसे लोगों में इसका जोखिम बढ़ जाता है।
  • जीवनशैली की आदतें: खराब खानपान, शराब का सेवन और स्मोकिंग जैसे आदतें हड्डियों को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं।
  • एक्सरसाइज न करना: शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना बोन डेंसिटी को प्रभावित करता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण - Symptoms Of Osteoporosis In Hindi

डॉ. निशित के मानें तो ऑस्टियोपोरोसिस को "मौन रोग" कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर इसके लक्षण तुरंत देखने को नहीं मिलते हैं। कई बार इसका पता तब चलता है जब छोटी-मोटी चोट लगने या गिरने से ही हड्डी टूट जाती है। हालांकि, इसके कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं,

  • बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति का शरीर झुकने लगता है और लंबाई कम हो जाती है।
  • शरीर के पॉश्चर में बदलाव होने लगता है, पीठ झुक जाती है और कूबड़ जैसा दिखने लगता है।
  • पीठ में दर्द जो कशेरुकाओं के कमजोर होने की वजह से होता है।
  • रीढ़ की हड्डी श्रिंक होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  • व्यक्ति को कमर, कूल्हे व कलाइयों की हड्डियों में दर्द महसूस होता है।
  • शरीर में कमजोरी आती है और सामान्य गतिविधियों में भी थकान महसूस होती है।

ऑस्टियोपोरोसिस का निदान और टेस्ट - How To Diagnose Osteoporosis And Test

1. बोन डेंसिटी टेस्ट (DEXA स्कैन): यह सबसे सटीक तरीका है जो हड्डियों में मौजूद खनिजों की मात्रा मापता है और हड्डियों की मजबूती का आकलन करता है।

2. सीरम एल्कलाइन फॉस्फेटेस टेस्ट: यह एक रक्त परीक्षण है जो बोन टर्नओवर को इंगित करता है। ऑस्टियोपोरोसिस में इसका स्तर बढ़ जाता है। यह एक प्रत्यक्ष मार्कर है और DEXA स्कैन की तुलना में अधिक सुलभ है।

3. X-rays: हड्डियों की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए X-rays का उपयोग किया जा सकता है।

4. विटामिन D और सीरम अल्कलाइन फॉस्फेट का संयोजन: कम विटामिन D स्तर और बढ़ा हुआ सीरम अल्कलाइन फॉस्फेट स्तर हड्डियों की कमजोरी का संकेत दे सकता है।

अगर आपको परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस है, 50 वर्ष से अधिक उम्र है, या किसी दुर्घटना में हड्डी टूट चुकी है, तो आपको इन टेस्टों की सलाह दी जा सकती है।

ऑस्टियोपोरोसिस का उपचार और प्रबंधन - How To Manage Osteoporosis Treatment In Hindi

1. एक्सरसाइज: नियमित रूप से वजन उठाने वाले और योग, पिलाटे या ताई-ची जैसे संतुलन बढ़ाने वाले व्यायाम करना फायदेमंद होता है।

2. कैल्शियम और विटामिन D का सेवन: डॉक्टर की सलाह के अनुसार सप्लीमेंट्स लेना आवश्यक हो सकता है।

3. दवाएं: जरूरत पड़ने पर बिस्फॉस्फोनेट्स, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी और डिनॉसूमैब जैसी दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।

4. फिजिकल थेरेपी: गिरने से बचने के लिए संतुलन सुधारने वाले व्यायाम किए जाते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस रोकथाम के उपाय - How To Prevent Osteoporosis Tips In Hindi

डॉ. निशित के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है। यहां कुछ उपाय हैं जो आपको इस बीमारी से दूर रख सकते हैं,

  • स्वस्थ आहार: दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और बादाम जैसे कैल्शियम रिच फूड खाएं।
  • सूर्य की रोशनी: रोजाना 20-30 मिनट धूप में रहना विटामिन D के स्तर को बनाए रखता है।
  • फिजिकल एक्टिविटी : रोजाना टहलना या हल्के व्यायाम करना हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: ये आदतें हड्डियों को कमजोर कर सकती हैं।
  • गिरने से बचाव: घर में फर्श साफ और व्यवस्थित रखें, ताकि फिसलने का खतरा कम हो।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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