World Parkinson Day 2025: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व पार्किंसन दिवस? जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम
पार्किंसन दिमाग से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिससे आज बहुत से लोग प्रभावित दिख रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि World Parkinson Day क्यों मनाया जाता है? इसके साथ ही जानें इसका इतिहास और इसकी थीम?

world parkinsons day
हर साल 11 अप्रैल के दिन विश्व पार्किंसन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और इसके खतरे को कम करना है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पार्किंसन एक मानसिक समस्या है, जिसका असर हमारे पूरे शरीर पर देखने को मिलता है। इस रोग से पीड़ित लोगों को अपने दैनिक काम करने में भी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। हालांकि पार्किंसन को बूढ़े लोगों की बीमारी के तौर पर जाना जाता है। जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ और भी ज्यादा बढ़ सकती है। विश्व पार्किंसन दिवस के मौके पर हम आपको इस गंभीर रोग के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
विश्व पार्किंसन दिवस का इतिहास
11 अप्रैल के दिन विश्व पार्किंसन दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 1997 में हुई थी। इस दिन को तय करने के पीछे डॉ. जेम्स पार्किंसन का जन्मदिन है। उनका जन्म 11 अप्रैल 1755 को हुआ था। उन्होंने 1817 में न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग के पहले मामले की खोज की थी। उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए 11 अप्रैल का दिन विश्व पार्किंसन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
विश्व पार्किंसन दिवस मनाने का उद्देश्य
विश्व पार्किंसन दिवस मनाने के पीछे के उद्देश्य की बात करें तो ये दिन लोगों के बीच पार्किंसन रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है। इसके अलावा पार्किंसन से पीड़ित लोगों को सहायता देना और उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध कराना भी इस दिन का बड़ा उद्देश्य है। ये दिन पार्किंसन रोग से पीड़ित लोगों की देखभाल करने की भी सिफारिश करता है।
विश्व पार्किंसन दिवस 2025 की थीम
विश्व पार्किंसन दिवस मनाने के लिए हर साल एक खास थीम तय की जाती है। जिसके आधार पर इस दिन को मनाने और उस दिशा में काम करने का प्रयास किया जाता है। साल 2025 में इसकी थीम - पार्किंसन से पीड़ित लोगों और उनके परिजनों की मदद करने की कोशिश करना।
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