World Stroke Day: युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा स्ट्रोक, ये लक्षण भूलकर भी न करें नजरअंदाज, डॉक्टर से जानें Brain Stroke के कारण और पक्का इलाज
What Is Stroke Symptoms Causes And Treatment: स्ट्रोक एक आपातकालीन स्थिति है, जिसमें तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है। भारत में बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को लक्षणों और बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। बी-फास्ट (BE FAST) तकनीक को याद रखना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना स्ट्रोक से बचाव के सबसे प्रभावी उपायों में से हैं। समय रहते इलाज से न केवल जीवन बचाया जा सकता है, बल्कि शारीरिक अक्षमता के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
What Is Stroke Symptoms Causes And Treatment
Stroke Symptoms Causes And Treatment: स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है। इसे आमतौर पर लोग ब्रेन स्ट्रोक के नाम से जानते हैं। आपको बता दें कि एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति का दिमाग काम करना बंद कर देता है। आपको बता दें कि इसकी वजह से दुनियाभर में लाखों लोग हर साल अपनी जान गवां देते हैं। बीमारियों से बढ़ती मृत्यु का इस बीमारी को दूसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसलिए लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 29 अक्टूबर को विश्व ब्रेन स्ट्रोक दिवस (World Brain Stroke Day) मनाया जाता है। ज्यादातर लोग इसकी बीमारी के बारे में नहीं जानते हैं। लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि आखिर स्ट्रोक क्या होता है, इसके कारण और लक्षण क्या हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने शारदा हॉस्पिटल और शारदा केयर - हेल्थसिटी के न्यूरोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एस. एच मित्तल से बात की। यहां हम आपको ब्रेन स्ट्रोक के बारे में सबकुछ बता रहे हैं...
ब्रेन स्ट्रोक क्या होता है - What Is Brain Stroke In Hindi
डॉ. एस. एच मित्तल के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब दिमाग के किसी हिस्से में ब्लड फ्लो रुक जाता है। या दिमाग के किसी हिस्से में ब्लीडिंग हो जाती है। ऐसे में हमारे दिमाग तक रक्त संचार नहीं हो पाता है। रक्त की सप्लाई रुक जाती है। इसकी वजह से ब्रेन सेल्स ऑक्सीजन की कमी से मरने लगती हैं। इससे व्यक्ति का काम दिमाग काम करना बंद कर देता है। इसलिए इसे एक आपातकालीन स्थिति माना जाता है। इसमें हर सेकंड महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। जिससे जीवन और शारीरिक क्षमताओं को बचाया जा सकता है।
भारत में स्ट्रोक की स्थिति है गंभीर
डॉ. मित्तल बताते हैं कि देश में स्ट्रोक के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। भारत में लोगों में कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, डायबिटीज और मोटापा जैसी स्थितियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। यह स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 18 लाख लोग स्ट्रोक का सामना करते हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ते स्ट्रोक मामलों के साथ, चिकित्सा सुविधाओं की तुरंत उपलब्धता और जागरूकता बेहद जरूरी हो गई है।
स्ट्रोक के प्रकार और कारण - Types Of Stroke And Causes In Hindi
1. इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke)
यह स्थिति तब देखने को मिलती है जब रक्त वाहिकाओं में थक्के बनने लगते हैं इसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। यह स्ट्रोक का सबसे सामान्य प्रकार है। स्ट्रोक के मामले 80 प्रतिशत लोगों में यही स्थिति देखने को मिलती है। इसके प्रमुख कारणों में हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन की अनियमित होना आदि शामिल हैं।
2. हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke)
यह स्थिति तब देखने को मिलती है जब हमारे दिमाग में रक्त का संचार करने वाली किसी वाहिका डैमेज हो जाती है या फट जाती है। इससे दिमाग में ब्लीडिंग होने लगती है। इसका प्रमुख कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। साथ ही, एन्यूरिज्म नामक स्थित है जिसमें धमनी की दीवार का कमजोर हो जाती हैं।
इसके अलावा, अस्थायी इस्केमिक अटैक (Transient Ischemic Attack), जिसे मिनी-स्ट्रोक भी कहा जाता है, एक चेतावनी संकेत है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
स्ट्रोक के लक्षण - Symptoms Of Stroke In HIndi
डॉ. मित्तल की मानें तो स्ट्रोक की पहचान और समय पर उपचार के लिए BE FAST विधि का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ जरूरी बिंदुओं को समझना है,
B – Balance: अचानक संतुलन खोना।
E – Eyes: एक या दोनों आंखों में अचानक धुंधलापन या दोहरा दिखना।
F – Face: मुस्कान के दौरान चेहरे का एक हिस्सा गिरना या लकवा।
A – Arms: हाथ उठाने पर एक हाथ गिरना या कमजोरी महसूस होना।
S – Speech: बोलने में कठिनाई या अस्पष्ट शब्दों का उच्चारण।
T – Time: समय बर्बाद न करें, तुरंत आपातकालीन सेवा (भारत में 112) को कॉल करें।
स्ट्रोक के जोखिम कारक - Risk Factors Of Stroke In Hindi
स्ट्रोक का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है, खासकर 65 साल से ऊपर के लोगों में। हालांकि, यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा कुछ सामान्य कारक हैं जो खतरे को बढ़ाने में योगदान देते हैं,
- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज
- स्मोकिंग और शराब का अधिक सेवन
- शरीर का बढ़ता वजन या मोटापा
- शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना
- कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर
- दिल की बीमारियां
स्ट्रोक की रोकथाम कैसे की जा सकती है - How To Prevent Stroke In Hindi
डॉ. मित्तल स्ट्रोक से बचाव के लिए जीवनशैली में सुधार बेहद जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करके आप आसानी से स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं। ऐसे में ये टिप्स आपके बहुत काम आ सकती हैं,
- स्वस्थ आहार अपनाएं, फल, सब्जियों और साबुत अनाज का अधिक सेवन करें।
- नियमित व्यायाम करें और वजन कंट्रोल रखें।
- स्मोकिंग और शराब का सेवन पूरी तरह से परहेज करें।
- ब्लड प्रेशर और शुगर को मॉनिटर करें और समय-समय पर जांच कराएं।
- अगर डॉक्टर ने दवाएं दी हैं, तो उन्हें समय पर लें और किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें।
स्ट्रोक का इलाज - Stroke Treatment In Hindi
डॉ. मित्तल स्ट्रोक के उपचार में मुख्य भूमिका समय की होती है। जल्द इलाज से मस्तिष्क को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है।
इस्केमिक स्ट्रोक: इसमें ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने और फिर से बहाल करने के लिए थक्के को घोलने वाली दवाएं दी जाती हैं।
हेमरेजिक स्ट्रोक: इसमें ब्लीडिंग को कंट्रोल करने और रोकने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
स्ट्रोक के बाद का जीवन कठिन हो सकता है, लेकिन सही पुनर्वास से स्थिति में सुधार संभव है। फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की मदद से मरीज धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौट सकते हैं।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्...और देखें
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