World Thalassemia Day 2023 : माता-पिता से बच्चे में फैल सकती है थैलेसीमिया की बीमारी, एक्सपर्ट से जानिए कब लगाया जा सकता है पता

Importance of Early Diagnosis and Treatment for Thalassemia Patients: खून से जुड़ी बीमारी थैलेसीमिया को लाइलाज माना जाता है। देश में हर साल थैलेसीमिया मेजर (थैलेसीमिया कॉम्प्लेक्स) वाले 10,000 बच्चे पैदा होते हैं। लेकिन क्या समय के साथ इलाज करना आसान हो गया है? क्या हर माता-पिता को थैलेसीमिया की जांच करानी चाहिए? विश्व थैलेसीमिया दिवस (8 मई) के अवसर पर इस बीमारी की गंभीरता और इलाज के तरीकों के बारे में एक्सपर्ट से जानिए-

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Thalassemia : क्या थैलेसीमिया से पीड़ित नाबालिग को बच्चा हो सकता है?

World Thalassemia Day 2023 in Hindi: थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करता है। लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन, जो शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में हीमोग्लोबिन बनाने वाली दो प्रकार की ग्लोबिन श्रृंखलाओं में से एक का उत्पादन या तो कम हो जाता है या फिर अनुपस्थित हो जाता है, जिससे एनीमिया और अन्य जटिलताएं होती हैं।

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के बोन मैरो ट्रांसप्लांट एंड सेल्युलर थेरेपी और सीनियर कंसल्टेंट डॉ गौरव खरिया ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि थैलेसीमिया को आमतौर पर ट्रांसफ्यूजन मेजर में वर्गीकृत करते हैं जो ट्रांसफ्यूजन पर निर्भर एक अवस्था है या फिर थैलेसीमिया माइनर जो कि एक कैरियर स्टेट है जिसे किसी भी ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता नहीं होती है।

थैलेसीमिया किसे हो सकता है?- Who can get Thalassemia?

थैलेसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है यानी अगर माता-पिता में से किसी एक को हो तो बच्चे को भी यह बीमारी हो सकती है। यदि माता-पिता में से किसी एक को थैलेसीमिया है, तो बच्चे को थैलेसीमिया माइनर हो सकता है। लेकिन अगर माता-पिता दोनों को थैलेसीमिया है तो 25 प्रतिशत बच्चों में थैलेसीमिया मेजर होने की संभावना रहती है। इसमें 25 फीसदी बच्चे सामान्य हो सकते हैं। वहीं, 50 फीसदी माइनर थैलेसीमिया के संदिग्ध हैं।

कौन से टेस्ट कराने चाहिए? - Which tests should be done for Thalassemia?

यह हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट (Hemoglobin Electrophoresis Test) या हाई परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमोटोग्राफी (High Performance Liquid Chromatography) द्वारा परीक्षण किया जाता है। थैलेसीमिया के बारे में जानने के लिए हर माता-पिता को अपना जेनेटिक टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

थैलेसीमिया का प्रारंभिक निदान और उपचार - Early Diagnosis and Treatment of Thalassemia

बेहतर परिणाम : प्रारंभिक निदान और उपचार थैलेसीमिया से जुड़ी जटिलताओं की गंभीरता को रोक या फिर कम करने में सक्षम है। इसे एनीमिया, हड्डी की विकृति और अंग क्षति से भी समझा जा सकता है। शुरुआती और उचित उपचार लेने वाले रोगी स्वस्थ होने के साथ साथ अधिक उत्पादक जीवन जी सकते हैं।

जीवन की बेहतर गुणवत्ता : थैलेसीमिया से पीड़ित लोग थकान, कमजोरी और अन्य लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं। प्रारंभिक उपचार इन लक्षणों को न सिर्फ प्रबंधित करता है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।

कम स्वास्थ्य देखभाल लागत: प्रारंभिक निदान और उपचार थैलेसीमिया की जटिलताओं के प्रबंधन से जुड़ी स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम कर सकते हैं, जैसे कि रक्त आधान और अंग क्षति।

बेहतर प्रजनन परिणाम: थैलेसीमिया का प्रारंभिक निदान आनुवंशिक परामर्श और परिवार नियोजन की अनुमति देता है, जो भविष्य की पीढ़ियों को विकार के संचरण को रोकने में मदद कर सकता है।

सामान्य तौर पर थैलेसीमिया को देखभाल और इलाज में वर्गीकृत किया जा सकता है। थैलेसीमिया मेजर के लिए नियमित देखभाल में रक्त आधान, आयरन के अधिभार को प्रबंधित करने के लिए आयरन केलेशन थेरेपी और अन्य सहायक उपाय शामिल हो सकते हैं। इन्हें आजीवन जारी रखना पड़ता है।

वहीं, अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant) थैलेसीमिया मेजर के लिए एकमात्र उपचारात्मक विकल्प है जिसे एचएलए मिलान या बेमेल पारिवारिक दाता का उपयोग करके किया जा सकता है। इस अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण यानी बोन मैरो ट्रांसप्लांट के फायदे जीवन की बेहतर गुणवत्ता, सामान्य जीवन प्रत्याशा और परिवार पर कम वित्तीय बोझ के रूप में देखा जा सकता है। इसके अलावा पोषण संबंधी परामर्श, भौतिक चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता इत्यादि सहायक देखभाल से मरीजों को लाभ हो सकता है।

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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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