Atal Setu Facts: अटल सेतु को क्यों कहा जा रहा इंजीनियरिंग का 'नायाब नमूना' , 10 प्वाइंट में जानें सब कुछ
Atal Setu Facts : अटल सेतु समुद्र पर बना देश का सबसे बड़ा पुल है। इस ब्रिज को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इसके शुरू हो जाने पर मुंबई से नवी मुंबई सहित कई जगहों की यात्रा में लगने वाला समय कम हो जाएगा।
समुद्र पर बना देश का सबसे बड़ा पुल है अटल सेतु।
Atal Setu Facts : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17,840 करोड़ रुपए की लागत से मुंबई में बनकर तैयार अटल बिहारी वाजपेयी शिवडी-न्हावाशेवा अटल सेतु का शुक्रवार को उद्घाटन करेंगे। अटल सेतु समुद्र पर बना देश का सबसे बड़ा पुल है। इस ब्रिज को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इसके शुरू हो जाने पर मुंबई से नवी मुंबई सहित कई जगहों की यात्रा में लगने वाला समय कम हो जाएगा। मुंबई से नवी मुंबई केवल 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। इस अटल सेतु की खासियत क्या है और इसके शुरू होने पर क्या कुछ बदल जाएगा, इसे हम यहां 10 प्वाइंट्स में बता रहे हैं-
- शहरों में आवागमन, परिवहन ढांचे में सुधार एवं उसे बेहतर बनाने पर प्रधानमंत्री मोदी का जोर हमेशा रहा है। उनकी यह सोच इस सेतु निर्माण में झलकती है।
- इस सेतु की आधारशिला पीएम ने दिसंबर 2016 में रखी। इस पुल की लंबाई करीब 22 किलोमीटर है। यह छह लेन का है। इसका 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुद्र में और करीब 5.5 किलोमीटर समुद्र के बाहर है।
- इसे सेतु के शुरू हो जाने पर मुंबई से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट एवं नवी मुंबई एयरपोर्ट जल्दी पहुंचा जा सकेगा। यही नहीं, यह पुल पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय में भी बचत करेगा। मुंबई पोर्ट एवं जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के बीच बेहतर कनेक्टिविटी होगी।
- ब्रिज का इस्तेमाल करने पर टोल देना होगा। एक यात्री कार को 250 रुपए देने होंगे। अधिकारियों का कहना है कि रिटर्न जर्नी, नियमित यात्रा और कभी-कभी यात्रा के लिए टोल अलग-अलग होगा।
- कैबिनेट के प्रस्ताव में कहा गया कि इससे रायगड़ जिले के पनवेल एवं दक्षिण-मध्य मुंबई के सेवरी के बीच की दूरी 15 किलोमीटर कम हो जाएगी। पहले इन दोनों जगहों के बीच की दूरी तय करने में करीब दो घंटे लगते थे लेकिन अब 15 से 20 मिनट लगेगा।
- ब्रिज पर वाहनों को 100 किमी की स्पीड से गाड़ी दौड़ाने की अनुमति दी गई है। वाहनों की गति बनाए रखने के लिए देश में पहली बार ओपन रोड टोलिंग सिस्टम एमटीएचएल पर होगा।
- पुल में लगी लाइटों के प्रकाश से जलीय पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। यही नहीं ब्रिज का निर्माण कई तकनीक को शामिल करते हुए किया गया है। ये तकनीक भारत में पहली बार प्रयोग में लाई गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सेतु इंजीनियरिंग का 'नायाब नमूना' है।
- एमएमआरडीए के मेट्रपॉलिटन कमिश्नर संजय मुखर्जी ने बताया कि इस ब्रिज में पेरिस के एफिल टॉवर से 17 गुना ज्यादा स्टील लगा है।
- इस पुल के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग हुआ है और यह आज के समय के फीचर्स से लैस है। जलीव जंतुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए ब्रिज में वाइब्रेशन एवं शोर कम करने की तकनीक लगाई गई है।
- मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) पर चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रति घंटे होगी,जबकि इस पुल पर मोटर साइकल, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टरों की आवाजाही पर पांबदी रहेगी।
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