दुनिया भर में 10 मिनट में डिलीवरी का कारोबार सिमट रहा, भारत में भी बिजनेस की टूटी कमर

कोविड-19 के दौरान घर तक डिलीवरी करने का बाजार उफान पर था, अब उतार पर है। कुल मिलाकर दुनियाभर में 10 मिनट में डिलीवरी करने का यह आइडिया अब दम तोड़ रहा है।

10 मिनट में डिलीवरी का कारोबार

10 Minute Delivery: बड़े-बड़े दावों के साथ शुरू हुआ 10 मिनट में डिलीवरी का कारोबार अब सिमटता नजर आ रहा है। विदेशों में ही नहीं बल्कि भारत में भी ऐसी सेवाएं दम तोड़ रही हैं। घर तक सामान की डिलीवरी करने वाली कंपनियों के हालात अच्छे नहीं हैं। एक-एक करके ऐसी कंपनियां बंद होती जा रही हैं। ऑस्ट्रेलिया में 10 मिनट में डिलीवरी देने के वादे के साथ शुरू हुई एक स्टार्टअप कंपनी धराशाई हो गई।. सिडनी से शुरू हुई स्टार्टअप कंपनी मिल्करन ने कारोबार समेट लिया है और इसमें काम करने वाले लगभग 400 लोग बेरोजगार हो गए हैं।

कई कंपनियां दीवालिया

मिल्करन से पहले भी 10 मिनट में ऑर्डर डिलीवर करने का दावा करने वाली कई कंपनियां दीवालिया हो चुकी हैं। इनमें से तीन ऑस्ट्रेलिया की ही स्टार्टअप कंपनियां थीं। सेंड नाम की कंपनी पिछले साल मई में बंद हुई। फिर नवंबर में वोली ने कारोबार बंद किया और इसी महीने कोलैब ने खुद को दीवालिया घोषित करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू की है। इसके अलावा जर्मनी कंपनी फूडोरा 2018 में बाजार छोड़ गई थी और ब्रिटिश कंपनी डिलीवरू ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में काम बंद कर दिया था।

अपने स्टाफ को भेजे एक ईमेल में मिल्करन के सह-संस्थापक और सीईओ डैनी मिलहैम ने लिखा, बाजार की आर्थिक और पूंजी संबंधी परिस्थितियां लगातार खराब हो रही हैं। हालांकि कंपनी का बिजनेस अच्छा चल रहा है, लेकिन हमें लगता है कि इस माहौल में यही सही फैसला है।

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