एक के बाद एक राज्यों में बागी हो रहे हैं कांग्रेसी! अब झारखंड के 12 विधायक भड़के, आलाकमान से मिलने दिल्ली रवाना
Jharkhand Congress MLA: कांग्रेस के नाराज विधायकों की मांग है कि चंपई सोरेन कैबिनेट में उनकी पार्टी से जिन चार लोगों को मंत्री बनाया गया है, उन्हें हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जाए।
झारखंड सरकार के नए मंत्री
Jharkhand Congress MLA: कांग्रेस इस समय कई राज्यों में चुनौतियों से जूझ रही है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कहीं उसके सहयोगी कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं तो कहीं उसके नेता, बीजेपी का दामन थाम ले रहे हैं। जिस झारखंड में कांग्रेस और झामूमो गठबंधन सरकार बचाने में कामयाब रही थी, वहां कांग्रेस के सामने एक नई मुसीबत उठ खड़ी हुई है। चंपई सोरेन सरकार के कांग्रेस कोटे वाले मंत्रियों के नामों पर कांग्रेस के ही 12 विधायक नाराज हो गए हैं। मीडिया के सामने खुलकर बोलने के बाद ये विधायक अब दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
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अब दिल्ली में होगी बात
IANS की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में चंपई सोरेन कैबिनेट के विस्तार के बाद बगावत पर उतरे कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों की मान-मनौवल की कोशिश फिलहाल नाकाम हो गई है। 10 विधायक पार्टी के आलाकमान से मिलने शनिवार रात नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जबकि दो अन्य विधायक रविवार सुबह जाएंगे। सीएम चंपई सोरेन भी शनिवार शाम को दिल्ली गए हैं। उनका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के अन्य नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि सीएम की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के मुद्दे पर बात हो सकती है।
नए चेहरों की मांग
कांग्रेस के नाराज विधायकों की मांग है कि चंपई सोरेन कैबिनेट में उनकी पार्टी से जिन चार लोगों को मंत्री बनाया गया है, उन्हें हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जाए। ये चारों हेमंत सोरेन की सरकार में भी मंत्री थे, लेकिन इनमें से किसी का परफॉर्मेंस ऐसा नहीं है कि इन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी जानी चाहिए थी।
बसंत सोरेन से नहीं मानें विधायक
शनिवार को नाराज विधायकों ने रांची के बिरसा चौक स्थित एक होटल में बैठक की। उन्हें मनाने के लिए मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे। उन्होंने विधायकों से बात की, लेकिन वे अपनी मांग से अड़े रहे। विधायकों ने कह दिया है कि अगर कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल को नहीं हटाया गया तो वे 23 फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करेंगे।
गिर सकती है सरकार
अगर ये विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे तो चंपई सोरेन की सरकार विधानसभा सत्र के दौरान खतरे में पड़ सकती है। बजट मनी बिल होता है और इसपर मतदान के दौरान अल्पमत में रहने से सरकार गिर सकती है। बता दें कि शुक्रवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के समय विधायकों ने अपनी नाराजगी जताते हुए खुद को सर्किट हाउस के कमरे में बंद कर लिया था। मान मनौव्वल के बाद ये लोग शपथ ग्रहण समारोह में गए, लेकिन नाराजगी कम नहीं हुई। नाराज विधायकों ने एक स्वर में कहा कि वह सरकार या महागठबंधन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन जिस तरह से अंधेरे में रखकर कांग्रेस की ओर से पुराने मंत्रियों को ही दोबारा मंत्री पद की शपथ दिलाई गई वह गलत है।
कौन हैं वो 12 विधायक
इसलिए हम सब विधायक एकजुट होकर दिल्ली जा रहे हैं। वहां आलाकमान के सामने अपनी बात रखेंगे। नाराज चल रहे विधायकों में कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, राजेश कच्छप, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, रामचन्द्र सिंह, नमन विक्सल कोनगाड़ी, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, भूषण बाड़ा शामिल हैं।
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