जंगल के दावेदार कौन? इन राज्यों ने किया रिकॉर्ड अवैध अतिक्रमण; 10 स्टेट ने छिपाया मुंह

25 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 13,056 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 7,50,648 हेक्टेयर (या 7506.48 वर्ग किलोमीटर) वन क्षेत्र अतिक्रमण के अधीन है, जो दिल्ली के क्षेत्रफल से पांच गुना अधिक है।

encroached in forest area

(सांकेतिक फोटो)

तस्वीर साभार : भाषा

दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को राज्यों द्वारा सौंपे गए आंकड़ों के अनुसार, 25 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 13,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक वन क्षेत्र पर अतिक्रमण किया गया है, जो दिल्ली, सिक्किम और गोवा के कुल भौगोलिक क्षेत्र से भी अधिक है। अभी तक 10 राज्यों ने वन अतिक्रमण पर आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए हैं। पिछले वर्ष राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक खबर पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया था कि भारत में 7,50,648 हेक्टेयर (या 7506.48 वर्ग किलोमीटर) वन क्षेत्र अतिक्रमण के अधीन है, जो दिल्ली के क्षेत्रफल से पांच गुना अधिक है। पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2024 तक 25 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में कुल 13,05,668.1 हेक्टेयर (या 13,056 वर्ग किलोमीटर) वन क्षेत्र अतिक्रमण के अधीन था।

इन राज्यों की रिपोर्ट पेश

रिपोर्ट में जिन राज्यों के आंकड़ों के बारे में जानकारी दी गई है, उनमें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, असम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, सिक्किम, मध्यप्रदेश, मिजोरम और मणिपुर शामिल हैं। जिन राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों ने अभी भी वन अतिक्रमण का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है, उनमें बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, नगालैंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं। वन क्षेत्र या रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया (आरएफए) में सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर वन के रूप में नामित भूमि शामिल होती है, भले ही उस पर पेड़ न हों।

आरएफए को आगे तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है : पहली श्रेणी-आरक्षित वन, जिन्हें पूर्ण संरक्षण प्राप्त है और जहां शिकार और चराई जैसी गतिविधियों पर आमतौर पर प्रतिबंध है। दूसरी श्रेणी-संरक्षित वन, जहां कुछ गतिविधियों की अनुमति है, जब तक कि उन्हें विशेष रूप से प्रतिबंधित न किया गया हो। तीसरी श्रेणी-अवर्गीकृत वन, जिन्हें आरक्षित या संरक्षित के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।

किस राज्य ने कितना किया अतिक्रमण

मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 तक मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 5,460.9 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र पर अतिक्रमण था। इसमें कहा गया है कि असम में 3,620.9 वर्ग किलोमीटर, कर्नाटक में 863.08 वर्ग किलोमीटर, महाराष्ट्र में 575.54 वर्ग किलोमीटर, अरुणाचल प्रदेश में 534.9 वर्ग किलोमीटर, ओडिशा में 405.07 वर्ग किलोमीटर, उत्तर प्रदेश में 264.97 वर्ग किलोमीटर, मिजोरम में 247.72 वर्ग किलोमीटर, झारखंड में 200.40 वर्ग किलोमीटर और छत्तीसगढ़ में 168.91 वर्ग किलोमीटर वन भूमि पर अतिक्रमण है।

शोधकर्ता सीआर बिजॉय ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के पूरी तरह से लागू होने और सभी दावों एवं समीक्षाओं का निपटारा होने तक वन अतिक्रमण के दायरे का सटीक आकलन नहीं किया जा सकता। उन्होंने ने कहा कि जब प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी हो जाएगी, तभी हम यह निर्धारित कर पाएंगे कि जमीन का असली मालिक कौन है और कौन अतिक्रमणकारी है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited