15 अगस्त को इस बार क्या होगा खास? पीएम मोदी के संबोधन के गवाह बनेंगे ये अमेरिकी मेहमान

Independence Day Special: 15 अगस्त, 2023 को लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान अमेरिकी सांसद मौजूद रहेंगे। इसकी जानकारी एक आधिकारिक बयान में साझा की गई है। पीएम मोदी से मिलने वाले सांसदों में से एक रो खन्ना के दादा अमरनाथ विद्याअलंकार एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ जेल में चार साल बिताए थे।

लाल किले पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान अमेरिकी सांसद मौजूद रहेंगे।

PM Modi's Plan For 15 August: अमेरिकी सांसदों का एक द्विदलीय समूह भारत की यात्रा करने वाला है और ये सांसद 15 अगस्त को लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के गवाह बनेंगे। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना एवं सांसद माइकल वाल्ट्ज सांसदों के इस द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। दोनों सांसद भारत और भारतीय अमेरिकी पर द्विदलीय कांग्रेशनल कॉकस के सह अध्यक्ष हैं। सांसद लाल किला भी जाएंगे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे।

अमेरिकी सांसद रो खन्ना की यात्रा का प्लान जानिए

एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमेरिकी सांसद मुंबई, हैदराबाद और नई दिल्ली में कारोबार, प्रौद्योगिकी, सरकार और हिंदी फिल्म उद्योग की शख्सियतों से मुलाकात करेंगे। वे नई दिल्ली में महात्मा गांधी को समर्पित ऐतिहासिक स्थल राजघाट भी जाएंगे। रो खन्ना और माइकल वाल्ट्ज के साथ सांसद डेबोरा रॉस, कैट कैममैक, श्री थानेदार और जैस्मीन क्रॉकेट के साथ रिच मैककॉर्मिक और एड केस भी शामिल होंगे। सांसद रो खन्ना के लिए यह पूरी तरह से ऐतिहासिक यात्रा होने वाली है।

महात्मा गांधी के साथ जेल में थे अमेरिकी सांसद के दादा

सोमवार को जारी बयान में कहा गया है, 'रो खन्ना के दादा अमरनाथ विद्याअलंकार एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ जेल में चार साल बिताए और बाद में वह भारत की पहली संसद का हिस्सा बने।' रो खन्ना ने कहा, 'भारत और भारतीय अमेरिकीयों पर कांग्रेशनल कॉकस के सहअध्यक्ष के तौर पर हमें गर्व है कि हम भारत के लिए द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले हैं। हम वहां इस बात पर चर्चा करेंगे कि सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र रहे दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा संबंधों को कैसे मजबूत किया जाए।'

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