बड़ौदा की महारानी की रोल्स रॉयस कार बनी वैवाहिक विवाद का मुद्दा, 1951 में नेहरू ने मंगवाई थी, जानें पूरी कहानी

ग्वालियर की स्थायी निवासी महिला ने दावा किया कि वह एक उच्च प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसके पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल थे जिन्हें कोंकण क्षेत्र का शासक घोषित किया गया था।

रोल्स रॉयस विवाद (Wikimedia commons)

1951 Rolls Royce dispute: सुप्रीम कोर्ट में 1951 मॉडल की प्राचीन हस्तनिर्मित क्लासिक रोल्स रॉयस कार एक वैवाहिक विवाद का मुख्य विषय बन गई है। संबंधित कार आज तक का एकमात्र मॉडल है और इसका मूल्य 2.5 करोड़ रुपये से अधिक का है। यह कार देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बड़ौदा की तत्कालीन महारानी के लिए मंगवाई थी। महिला द्वारा अपने पति के खिलाफ दहेज की मांग और क्रूरता के आरोप में दायर किए गए मामले को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ द्वारा खारिज किए जाने के बाद अलग रह रहे दंपति का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने बुधवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा के माध्यम से महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों से मध्यस्थता के जरिए समाधान की संभावना तलाशने को कहा। जस्टिस कांत ने कहा, अगर दोनों पक्ष सौहार्दपूर्ण तरीके से विवाद सुलझा लेते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने पक्षों से विवाद सुलझाने के लिए एक और प्रयास करने को कहा। पीठ ने कहा, वरिष्ठ अधिवक्ता/पक्षकारों के वकील ने संयुक्त रूप से कहा कि विभिन्न मंचों पर मध्यस्थता विफल हो चुकी है, तथापि, शीर्ष अदालत मध्यस्थता केंद्र के तत्वावधान में प्रयास करना उचित है, ताकि पक्षों को अपने विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए एक और अवसर दिया जा सके।

मखीजा के अनुरोध पर विचार करते हुए, जिस पर दूसरे पक्ष ने भी सहमति जताई, पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत को मध्यस्थ नियुक्त किया। पीठ ने आदेश दिया, हम, तदनुसार, केरल उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व न्यायाधीश आर बसंत को मध्यस्थ नियुक्त करते हैं। सभी पक्ष बातचीत के वास्ते सभी पक्षों के लिए सुविधाजनक तारीख तय करने के लिए आर बसंत से संपर्क कर सकते हैं। मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।

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