1993 देवबंद बम धमाकों का आरोपी 31 साल बाद श्रीनगर से गिरफ्तार, नाम-भेष बदलकर दे रहा था चकमा

आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) और देवबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में देवबंद में हुए बम धमाकों के आरोपी को जम्मू कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले 31 साल से सबको चकमा दे रहा था।

प्रतीकात्मक तस्वीर

1993 Deoband Blast Case: सहारनपुर जिले के देवबंद में अगस्त, 1993 में हुए बम धमाकों के मुख्य आरोपी नजीर अहमद वानी को 31 साल बाद एटीएस और पुलिस की टीम ने श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने बताया कि आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) और देवबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में देवबंद में हुए बम धमाकों के आरोपी को जम्मू कश्मीर से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि उसकी तलाश में एटीएस और पुलिस के दल लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि वह पिछले 31 साल से सबको चकमा देकर अपना नाम और वेशभूषा बदलकर इधर-उधर रह रहा था।

पुलिसकर्मियों पर बमों से हुआ था हमला

जैन ने बताया कि 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे और उस दौरान देवबंद में भी कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। उन्होंने कहा कि इस हिंसा के दौरान अगस्त 1993 में शहर में पुलिसकर्मियों पर बमों से हमला किया गया था। उन्होंने बताया कि उस समय पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके नजीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन 1994 में उसे अदालत ने जमानत दे दी थी। जैन के अनुसार जमानत पर बाहर आने के बाद से ही वह फरार चल रहा था और पुलिस इस मामले में उसकी तलाश कर रही थी।

उन्होंने बताया कि आरोपी नजीर बम धमाकों के बाद से श्रीनगर में रह रहा था और श्रीनगर में उसकी गतिविधियों की जांच कराई जा रही है। पुलिस के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन का यह कथित आतंकी बम धमाके से पहले देवबंद में रह रहा था, लेकिन जेल से जमानत मिलने के बाद वह यहां से फरार हो गया था। उस बम धमाके में दो पुलिसकर्मियों सहित चार लोग घायल हो गए थे।

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