J&K Congress: जम्मू-कश्मीर में फिर मजबूत हो रही कांग्रेस, आजाद को झटका दे 21 नेताओं ने की घर वापसी
J&K Congress: जम्मू-कश्मीर के 20 से अधिक नेता सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए जिनमें से अधिकतर का संबंध गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ (डीपीएपी) से है। ये नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास 10 राजाजी मार्ग पर पार्टी में शामिल हुए।
जम्मू कश्मीर में 21 कांग्रेस नेताओं ने की घरवापसी
J&K Congress: जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस एक बार फिर से मजबूत होती दिख रही है। जो नेता कभी उसका साथ छोड़कर गए थे, वो घरवापसी करने लगे हैं। यहां घरवापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद से यहां पार्टी के कई नेता उनके साथ चले गए थे, जिससे कांग्रेस कमजोर हो गई थी, लेकिन अब आजाद के साथ गए नेता उनका साथ छोड़कर कांग्रेस के पास वापस आने लगे हैं।
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ज्यादातर आजाद की पार्टी के नेता
जम्मू-कश्मीर के 20 से अधिक नेता सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए जिनमें से अधिकतर का संबंध गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ (डीपीएपी) से है। ये नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास 10 राजाजी मार्ग पर पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर खरगे, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वकार रसूल वानी तथा पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई की प्रभारी रजनी पाटिल मौजूद थीं।
कौन-कौन हुए कांग्रेस में शामिल
पूर्व मंत्री और दो बार विधायक रहे यशपाल कुंडल ने पैंथर्स पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष हाजी अब्दुल राशिद डार डीपीएसी छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी में वापस लौट आए हैं। नरेश के गुप्ता (डीपीएपी), श्याम लाल भगत (डीपीएपी), नम्रता शर्मा (अपनी पार्टी), साइमा जान (डीपीएपी), शाहजहां डार (डीपीएपी), फारूक अहमद (आप), तरणजीत सिंह टोनी, गजनफर अली, संतोष मजोत्रा (डीपीएपी) , रजनी शर्मा (डीपीएपी), निर्मल सिंह मेहता (डीपीएपी), मदन लाल चलोत्रा (अपनी पार्टी), हमित सिंह बट्टी (आप) और कई अन्य नेता कांग्रेस में शामिल हुए।
कांग्रेस का आजाद पर निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने डीपीएपी के कई नेताओं की कांग्रेस में वापसी के बाद इस पार्टी के संस्थापक प्रमुख गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि आजाद का ‘डीएनए’ बदल गया है जिसका नया सबूत उन्होंने अनुच्छेद 370 से जुड़े अपने एक ताजा बयान के जरिये दिया है। रमेश ने ट्वीट किया- "आज सुबह, डीएपी (डिसअपियरिंग आजाद पार्टी) के 21 नेता फिर से कांग्रेस में वापस आ गए, जिनमें गुलाम नबी आजाद की ओर से मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाला एक नेता भी शामिल हैं। इस बीच, जीएनए (गुलाम नबी आजाद) ने खुद के ‘डीएनए’ के बदलने का नया सबूत देते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध करने वाले लोग ज़मीनी स्थिति से अनभिज्ञ हैं। यह उस व्यक्ति का कथन है जिसने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ राज्यसभा में मोर्चा संभाला था। मेरा मानना है कि संसद सदस्य का कार्यकाल खत्म होने के बाद आजाद को नई दिल्ली में विशाल बंगले में रहने की मियाद बढ़ाए जाने को उचित ठहराने की जरूरत पड़ती है।"
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