रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 25 युवाओं से 2.6 करोड़ रुपए की ठगी, ट्रेनिंग के नाम पर गिनवाता था ट्रेनें
दिल्ली में तमिलनाडु के 25 युवाओं के साथ 2.6 करोड़ रुपए ठगी हुई। एक जॉब रैकेट ने रेलवे में टीटीई और क्लर्क की नौकरी दिलाने के लिए युवाओं को दिल्ली बुलाया। पैसे ऐंठ लिए और ट्रेनिंग के नाम पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आने-जाने वाली ट्रनें गिनवाता था।
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नौकरी देने के नाम तमिलनाडु के 25 लोगों के साथ 2.6 करोड़ रुपए ठग लिए। दिल्ली पुलिस ने कहा कि 25 युवाओं का एक ग्रुप तमिलनाडु से दिल्ली आया था। एक जॉब रैकेट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनके साथ धोखाधड़ी की। पुलिस ने बताया कि पीड़ितों से प्रतिदिन रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या गिनने को कहा गया। आरोपियों ने इन लोगों को रेलवे में यात्रा टिकट परीक्षक (TTE) और क्लर्क के रूप में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और प्रत्येक उम्मीदवार से लाखों रुपए की ठगी की। मामला तब सामने आया जब तमिलनाडु के एक पूर्व सैनिक, एम सुब्बुसामी, जो शुरुआत में अपने पड़ोसियों और अन्य स्थानीय लोगों को नौकरी दिलाने में मदद करने के लिए दिल्ली ले गए थे। उन्होंने पाया कि उनके साथ धोखा किया जा रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने सुब्बुसामी की शिकायत पर आर्थिक क्राइम ब्रांच के पास नवंबर में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी। उसने आरोप लगाया कि वह हैदराबाद में शिवरामन नाम के एक व्यक्ति से मिला था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवरामन ने दावा किया था कि वह दिल्ली में सांसदों और मंत्रियों का करीबी है। इसलिए वह युवाओं को नौकरी दिलाने में मदद कर सकता है।
आरोपी और उसके सहयोगी ने खुद को उत्तर रेलवे के अधिकारी बताया और प्रत्येक उम्मीदवार से 33 लाख रुपए की रजिस्ट्रेशन राशि मांगी। पीड़ितों में से एक सतीश ने कथित तौर पर राशि का भुगतान किया और उसे एक महीने के ट्रेनिंग के लिए दिल्ली बुलाया गया।
एफआईआर के मुताबिक वह (सतीश) विकास राणा (एक अन्य आरोपी) द्वारा एक महीने के लिए ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के लिए रखा गया। जो एक निर्धारित समय अवधि में एक प्लेटफॉर्म से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या की गिनती करने वाला एक फर्जी काम था। और उसके बाद एक जाली / मनगढ़ंत ट्रेनिंग पूर्ण होने का सर्टिफिकेट सौंप दिया गया।
एक अन्य पीड़ित ने आरोपी को 27 लाख रुपए का भुगतान किया और उसे ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट के लिए बुलाया गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि नौकरी और ट्रेनिंग के अवसर की खबर इलाके में फैल गई और करीब 25 युवाओं ने नौकरी के लिए नामांकन कराया। शिकायतकर्ता आरोपी से मिलने के लिए युवाओं को दिल्ली ले कर आई। जिसे तब सर्टिफिकेट और नौकरी ट्रेनिंग के बदले पैसे देने का निर्देश दिया गया था।
एफआईआर के मुताबिक पीड़ितों को और अधिक ठगने के लिए आरोपी उन्हें कनॉट प्लेस में फर्जी मेडिकल जांच और दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए भी ले गए। दस्तावेज वेरिफिकेशन के बाद, विकास राणा और उसके एक और सहयोगी दुबे सभी उम्मीदवारों को अध्ययन सामग्री और किट जारी करने के लिए बड़ौदा हाउस ले गए और उन्हें ट्रेनिंग के लिए फर्जी ज्वाइनिंग ऑर्डर भी जारी किए।
एफआईआर के मुताबिक शिकायतकर्ता ने कहा कि वर्तमान में 12 उम्मीदवार तथाकथित ट्रेनिंग से गुजर रहे हैं जो फर्जी है। मुझे एहसास हुआ कि हम नौकरी रैकेट घोटाले में शामिल सबसे कुख्यात गिरोह के शिकार हो गए हैं और निर्दोष बेरोजगार युवाओं की गाढ़ी कमाई की ठगी हुई।
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