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दुनिया की 26% आबादी के पास पीने के लिए साफ पानी नहीं, जल प्रबंधन पर आखें खोलती है UNESCO की रिपोर्ट

World Water Day 2025 : यूनेस्को की ओर से जारी विश्व जल विकास रिपोर्ट 2025 में ग्लेशियरों के पिघलने पर गंभीर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की कुल 8.2 अरब आबादी में से दो अरब से अधिक लोग जल और भोजन की गंभीर समस्या का सामना कर सकते हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि ग्लेशियरों के पिघलने की मौजूदा दर बनी रही तो इसके परिणाम अभूतपूर्व और विनाशकारी हो सकते हैं।

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विश्व जल दिवस 2025।

World Water Day 2025 : जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती लेकिन धरती पर जिस तरह पानी की कमी हो रही है उससे मानव सभ्यता पर संकट गहराता जा रहा है। जरूरत से ज्यादा जल के दोहन ने जैव विविधता के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जलवायु परिवर्तन और हिमखंडों के तेजी से पिघलने की वजह से जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकारों ने जल प्रबंधन के दिशा में यदि ठोक एवं उचित तरीके से काम नहीं किया तो दुनिया के सामने पेयजल की भयंकर किल्लत उपस्थित हो जाएगी।

दो अरब से अधिक लोगों के सामने खड़ा हो सकता है संकट

यूनेस्को की ओर से जारी विश्व जल विकास रिपोर्ट 2025 में ग्लेशियरों के पिघलने पर गंभीर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की कुल 8.2 अरब आबादी में से दो अरब से अधिक लोग जल और भोजन की गंभीर समस्या का सामना कर सकते हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि ग्लेशियरों के पिघलने की मौजूदा दर बनी रही तो इसके परिणाम अभूतपूर्व और विनाशकारी हो सकते हैं। जलवायु परिवर्तन से ग्लेशियरों के सिकुड़ने और पर्वतीय क्षेत्रों में घटती बर्फबारी की वजह से दुनिया की दो तिहाई कृषि भूमि प्रभावित हो सकती है। मौजूदा समय में विश्व में 2.75 लाख से अधिक ग्लेशियर लगभग सात लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से ये तेजी से पिघल रहे हैं।

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26 फीसद आबादी के पास पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं

इसी संकट और खतरे की तरफ UNESCO की रिपोर्ट भी इशारा करती है। 2023 की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व भर की 26 फीसद आबादी यानी दो अरब लोगों के पास पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं है। यही नहीं दो से तीन अरब लोग ऐसे हैं जो साल एक बार कम के कम एक बार पानी की किल्लत से गुजरते हैं। शहरों में पानी की किल्लत जिस तेजी के साथ बढ़ रही है उसे देखते हुए 2050 तक 1.7 से लेकर 2.4 अरब लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। यह जल संकट मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि जैव विविधता और पूरे पारिस्थिकीय तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

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