26/11 Mumbai attack : NSG से पहले होटल ताज पहुंचे थे नेवी के मार्कोस कमांडो, अंधेरे में तीर चलाने जैसा था काम

26/11 Mumbai attack : मुंबई हमले में एनएसजी के 'ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो' की चर्चा तो बहुत होती है लेकिन हमलों के बाद नौसेना के मार्कोस कमांडोज ने जिस बहादुरी, शौर्य एवं पराक्रम का परिचय दिया उस ओर लोगों का ध्यान कम ही जाता है। होटल ताज में एनएसजी कमांडोज के पहुंचने से पहले वहां मार्कोस कमांडोज ने मोर्चा संभाला था।

अनजान इलाकों में सफलतापूर्वक अभियान चलाते हैं मार्कोस कमांडो।

26/11 Mumbai attack : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकवादी हमले के 14 साल हो चुके हैं। 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादी मुंबई की आठ जगहों पर कहर बनकर टूटे। इन आतंकियों ने शहर को करीब 59 घंटों तक दहशत में रखा। तीन दिनों तक चले ऑपरेशन में नौ हमलावरों सहित कुल 175 लोगों की जान गई। सैकड़ों की संख्या में लोग जख्मी हुए। इस तरह का भीषण आतंकी हमला देश पर कभी नहीं हुआ था। आतंकवादी हमले ने सुरक्षा तैयारियों की कई कमियां उजागर कीं। फिर भी नौसेना के कमांडोज मार्कोस और एनएसजी ने जिस तरह से अपना 'ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो' चलाया उस पर सभी हिंदुस्तानियों को फक्र होता है।

NSG से पहले होटल ताज पहुंचे थे मार्कोस कमांडो

मुंबई हमले में एनएसजी के 'ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो' की चर्चा तो बहुत होती है लेकिन हमलों के बाद नौसेना के मार्कोस कमांडोज ने जिस बहादुरी, शौर्य एवं पराक्रम का परिचय दिया उस ओर लोगों का ध्यान कम ही जाता है। होटल ताज में एनएसजी कमांडोज के पहुंचने से पहले वहां मार्कोस कमांडोज ने मोर्चा संभाला था। हरियाणा के मानेसर से एनएसजी के वहां पहुंचने तक मार्कोस कमाडोज आतंकवादियों से लोहा लेते रहे। एनएसजी के ऑपरेशन के लिए उन्होंने एक जमीन तैयार कर दी थी। अपने अभियान में मार्कोस कमांडोज ने शानदार काम किया। होटल ताज और टाइड्रेंट दोनों जगहों से उन्होंने 300 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। एनएसजी के पहुंचने के बाद मार्कोस ने अभियान की कमान उन्हें सौंप दी। इसके बाद अभियान के बचे हुए काम को एनएसजी ने सफलतापूर्वक पूरा किया।
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