Rajkot Game Zone Fire:राजकोट अग्निकांड में 27 की मौत, पांच दिनों में कैसे पूरा हुआ FSL का उन शवों की शिनाख्त का यह बड़ा टास्क!
Rajkot Game Zone Fire Update: गुजरात के राजकोट में 25 मई को हुए हादसे में डीएनए मैचिंग के बाद सभी शवों को उनके परिजनों को सौंपने का काम पूरा कर लिया गया है।
डीएनए मैचिंग के बाद सभी शवों को उनके परिजनों को सौंपने का काम पूर कर लिया गया
राजकोट के टीआरपी गेम जोन अग्निकांड हादसे में कुल 27 लोगों के मरने की पुष्टि प्रशासन की तरफ से आज की गई है। गेम जोन में लगी भीषण आग में फंसे लोगों की डेडबॉडी काफी ज्यादा जल चुकी थी, इसके चलते शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल लेने का फैसला लिया गया था और हादसे की रात ही राज्य सरकार की तरफ एयर एंबुलेंस के जरिए गांधीनगर FSL में मैचिंग के लिए भेजे गए थे, और करीब चौथे दिन सभी डेडबॉडी के डीएनए मैचिंग कर शवों को सौप दिए गए है।
इस पूरी प्रक्रिया में FSL की टीम को काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। जानकारी के मुताबिक अग्निकांड के बाद पांच से अधिक डेडबॉडी ऐसी थीं की सैंपल लेने के लिए बॉडी में कोई टिश्यू की मौजूदगी नहीं थी ऐसे में उनके दांतों से डीएनए सैंपल लेकर परिजनों के सैंपल से मैच कर शिनाख्त की गई।
डीएनए के लिए एयर एंबुलेंस का हुआ इस्तेमाल
राजकोट हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों की डीएनए मैपिंग पूरी होने के बाद प्रशासन ने आज ब्योरा साझा करते हुए कहा कुल 27 मौते हुई है। प्रशासन के अनुसार जिन लोगों के परिजन नहीं मिल रहे थे तो उनकी तलाश में सबसे पहले घटना स्थल पर आपदा प्रबंधन और पुलिस टीम द्वारा जानकारी ली गई थी, घटना की रात जैसे ही सारे शव बरामद हुए, उन्हें पोस्टमॉर्टम और पीड़ितों के डीएनए मिलान के लिए सिविल अस्पताल लाया गया था, उनके परिवार के सदस्यों के सैंपलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई और शव और लोगो के डीएनए सैंपल कलेक्ट कर डीएनए सैंपल को देर रात ही एयर एम्बुलेंस के माध्यम से एफएसएल गांधीनगर में मैचिंग के लिए भेजा गया था जिसका पहला रिपोर्ट करीब 48 घंटे बाद आया और अगले 48 घंटे में सभी शव की शिनाख्त कर परिजनों को सौंप दिया गया।
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मिसिंग नामों को किया गया क्रॉस चेक
हादसे के बाद लोगों में और परिजनों में काफी बेचैनी थी, ऐसे में परिवार के सदस्यों ने लापता सदस्य के बारे में जानकारी एक से अधिक स्थान पर दर्ज करा दी थी। सभी मिसिंग नामों को क्रॉस चेक तक किए गए, इसमें से कुछ नाम डबल ट्रिपल जगह दर्ज कराए मिले,तो शव के शिनाख्त जांच में यह भी सामने आया कि कुछ के उपनामों के कारण संख्या दोगुनी हो गई थी जिसके बाद जब फाइनल सूची बनाई गई तो वो मृतकों की सूची मृतकों की संख्या को अंतिम रूप देने वाली थी इसलिए घटना के पांच दिन बाद करीब मौत का आंकड़ा सामने आया। राजकोट अग्निकांड में 27 मौत हुई है यह पता लगाने के लिए 27 शवों का डीएनए जांच के लिए नमूने लिए गए और इसके साथ ही खून का रिश्ता रखने वाले परिवार के सदस्य का भी सैंपल लिया गया जिसे गांधीनगर फॉरेसिंग लैब में भेज उन सभी सैंपल की जांच की गई। इसके बाद डीएनए टेस्ट रिपोर्ट की मैपिंग की गई और इसके बाद 27 मृतकों के परिजनों का मिलान होने के बाद इन शवों की पहचान स्पष्ट हो पाई।
अफवाहों ने बढ़ाई पुलिस की मुश्किल
राजकोट प्रशासन के अनुसार अग्निकांड हादसे के बाद अफवाहें भी काफी तेजी से फैलीं। जैसे कि निजी अस्पतालों (ट्रिनिटी हॉस्पिटल) में कुछ लोगों का जलने के बाद इलाज चल रहा है और वहां कुछ की मौत हो गई, ऐसे मामलों को भी पुलिस की टीम ने क्रॉस चेक किया। ट्रिनिटी हॉस्पिटल ने खुद सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से बयान जारी किया की झूठी मिसिंग दर्ज कराने वाले पर कार्रवाई की जाए। प्रशासन के अनुसार हितेशभाई उर्फ विजयभाई लाभशंकर पंड्या ने अपने भतीजे और अपने पुराने पड़ोसी के दो बच्चों तक की शिकायत की थी कि तीनो लोग लापता हैं जब पुलिस ने जांच की और सभी लोग अपने घरों पर मिले तब पुलिस ने पंड्या के खिलाफ धारा 211 के तहत एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही तक की।
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24 घंटे पुलिस समेत प्रशासन की टीम ने किया काम
गांधीनगर स्थित FSL की टीम ने इस हादसे के बाद रात दिन एक करते हुए काम किया, डीएनए टेस्टिंग में जितनी तेजी हो सकती है उसे सुनिश्चित कर जितना जल्द हो सके उतना जल्द सारे शवों की शिनाख्त की। राजकोट प्रशासन के अनुसार वर्तमान में किसी भी अभिभावक और उनके परिवार के सदस्यों के लापता होने के संबंध में कोई शिकायत लंबित नहीं है और जो 27 शवों की शिनाख्त की गई उनको उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है। प्रशासन ने डीएनए से शवों की पहचान करने के बाद कुछ नंबर जारी किए हैं और लोगों से अपील तक की है कि दुर्घटना के बाद अब भी कोई लापता है तो उन नंबर पर सूचित कर सकता है, इसके लिए राजकोट शहर के पुलिस आयुक्त के मोबाइल नंबर 83209 65606, 281 245 7777 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
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