फोटो देख, कंफ्यूज मत होइए, ये महाभारत का चक्रव्यूह नहीं बल्कि महिलाओं का महारास है, जानें इसकी पूरी कहानी
द्वारका में 23-24 दिसंबर को दो दिनों तक महारास का आयोजन किया गया था। जानकारी के अनुसार दो दिवसीय समारोह बाणासुर की बेटी और भगवान कृष्ण की बहू उषा की याद में आयोजित किया गया था।
द्वारका में महा रास
Maha Raas In Dwarka: रविवार को गुजरात के द्वारका में भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबी 37,000 से अधिक महिलाओं ने संगीत के साथ नृत्य किया।पारंपरिक लाल पोशाक पहने महिलाएं भगवान कृष्ण की मूर्ति के चारों ओर विशाल घेरे में नृत्य करती रहीं।
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दो दिवसीय कार्यक्रम
द्वारका में 23-24 दिसंबर को दो दिनों तक महारास का आयोजन किया गया था। जानकारी के अनुसार दो दिवसीय समारोह बाणासुर की बेटी और भगवान कृष्ण की बहू उषा की याद में आयोजित किया गया था।
37 हजार महिलाएं हुईं शामिल
यह कार्यक्रम अखिल भारतीय यादव समाज और अहिरानी महिला मंडल द्वारा आयोजित किया गया था। समूह नृत्य के भव्य समारोह में दुनिया भर से अहीर समुदाय की 37,000 महिलाएं शामिल हुईं। इस कार्यक्रम में डेढ़ लाख से अधिक अहीर यादव समाज के लोग शामिल हुए।
भगवान कृष्ण की पुत्रवधू उषा कौन हैं?
बाणासुर की पुत्री उषा का उल्लेख भागवत पुराण में मिलता है। वह असुर राजा बाणासुर की बेटी हैं। उनका विवाह भगवान कृष्ण के पोते अनिरुद्ध से हुआ। कैसे उसे भगवान कृष्ण के पोते से प्यार हो गया और उससे शादी कैसे हुई, इसकी कहानी भागवत पुराण में खूबसूरती से वर्णित है। उषा के पिता बाणासुर सोनितपुरा शहर के शासक थे। वह शिव का बहुत बड़ा भक्त था और उसे 1000 भुजाओं का वरदान प्राप्त था।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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