EVM पर बार-बार क्यों उठते हैं सवाल? सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दायर की गईं 42 याचिकाएं; सरकार ने बताया सबकुछ

Politics on EVM: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा सुर्खियों में है। सरकार ने इसमें छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों पर जवाब दिया है। केंद्र सरकार का कहना है कि ईवीएम पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों में 42 याचिकाएं दायर की गईं।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (File Photo)

EVM Politics after Maharashtra Election Result: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों में करीब 42 याचिकाएं दायर की गई हैं और उच्च न्यायपालिका ने बार-बार कहा है कि ईवीएम प्रामाणिक, भरोसेमंद और छेड़छाड़-रहित है। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।

छेड़छाड़ या हैकिंग को लेकर क्या है केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया?

मशीनों से छेड़छाड़ या हैकिंग को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) के अनुसार, ईवीएम एक ‘स्टैंडअलोन’ मशीन है जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी संचार क्षमता नहीं है, इसलिए यह वायरलेस, ब्लूटूथ और वाई-फाई के माध्यम से संचार नहीं कर सकती है।

मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक लिखित उत्तर में कहा, 'मशीन किसी भी छेड़छाड़ या हेरफेर को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित है। इसमें कई तकनीकी सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं जैसे कि एक बार प्रोग्राम करने योग्य चिप, अनधिकृत पहुंच का पता लगाने वाला मॉड्यूल, उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीक और मजबूत पारस्परिक प्रामाणीकरण क्षमता।'

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