5G: मुकेश अंबानी को देख हमें भी 'भागना पड़ा'...जब PM मोदी के सामने बोले सुनील मित्तल
बकौल मित्तल, "महामारी की मार के दौरान इस देश की एक मिनट के लिए धड़कन नहीं रुकी। हमारा काम लगातार चलता रहा। इन्होंने नारा लगाया था मेक इन इंडिया का। मैं आज यह कबूलता हूं कि मुझे लगता था कि इस देश में मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो पाएगी। खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स में, मुझे उम्मीद नहीं। आज यह सच्चाई बन गई है कि यह देश मैन्युफैक्चरिंग का मुल्क बन गया है।"
सुनील भारती मित्तल ने दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की।
भारती एंटरप्राइसेज (Bharti Enterprises) के सीईओ सुनील भारती मित्तल ने माना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी जिस तेज रफ्तार से टेक्नोलॉजी को आगे ले गए, उसे ध्यान में रखते हुए बाकी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी अपनी स्पीड बढ़ानी पड़ी। दिल्ली के प्रगति मैदान में शनिवार को इंडियन मोबाइल कांग्रेस के पहले दिन उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि अंबानी को देखकर हम लोगों को (बाकी टेलीकॉम ऑपरेटर्स) को भी भागड़ा पड़ा और उन्हें पकड़ना (तकनीक में रफ्तार के लिहाज से) पड़ा। संबंधित खबरें
वह बोले- यह देश के लिए अहम दिन है। नए युग की शुरुआत होने जा रही है। पीएम के चलते देश में नई ऊर्जा लाई गई। जो ग्रामीण क्षेत्र अभाव महसूस कर रहे हैं, उन्हें इससे जोड़ा जाएगा। हम भाग्यशाली हैं कि हमारी ऐसे लीडर हैं, जो तकनीक को बखूबी समझते हैं। मैं दुनिया में जाता हैं और बहुत लोगों से मिलता हूं। तकनीक की बात तो बहुत नेता करते हैं, पर उसकी बारीकी से समझ देश के विकास के लिए मेरी समझ से जैसा पीएम मोदी कर सकते हैं, वैसा कोई और नहीं कर सकता है। संबंधित खबरें
उनके मुताबिक, "मैंने बहुत करीब से देखा है कि गुजरात में ई-ग्राम से गांवों को जोड़ा गया था। इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग के समर्थन आदि की जब भी बात होती थी तो पीएम ने अहम काम और काफी सपोर्ट किया। पीएम का डिजिटल इंडिया विजन भी हमने पकड़ा और उसके बिना कोरोना महामारी में हमारे देश में बहुत दुर्गति होती। मैं मुकेश अंबानी की बड़ी सराहना करूंगा कि उन्होंने 4जी को गति दी और हम सबको बहुत तेजी से भागना पड़ा और पकड़ना पड़ा।"संबंधित खबरें
बकौल मित्तल, "महामारी की मार के दौरान इस देश की एक मिनट के लिए धड़कन नहीं रुकी। हमारा काम लगातार चलता रहा। इन्होंने नारा लगाया था मेक इन इंडिया का। मैं आज यह कबूलता हूं कि मुझे लगता था कि इस देश में मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो पाएगी। खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स में, मुझे उम्मीद नहीं। आज यह सच्चाई बन गई है कि यह देश मैन्युफैक्चरिंग का मुल्क बन गया है।"संबंधित खबरें
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Abhishek Gupta author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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