5G से 5 गुना बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत, जानिए क्या होंगे बदलाव

5 G Services in Defence Sector: सरहद पर निगरानी और कम्युनिकेशन के साथ-साथ दुश्मन पर नजर रखने के लिए 5G तकनीक बेहद कारगर सिद्ध हो सकेगी। माना जा रहा है की सेना 5G तकनीक को अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग डिवाइसेज में इस्तेमाल करेगी।


सेना को आत्मनिर्भर बनान में भी मिलेगा 5 जी सेवा का लाभ

मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने शनिवार को ही लॉन्च की थी 5 जी सेवा सेवा
  • सेना को आत्मनिर्भर बनान में भी मिलेगा 5 जी सेवा का लाभ
  • दूरदराज और दुर्गम इलाकों में दुश्मनों की हरकत पर रखी जा सकेगी नजर
5 G TECHNOLOGY: देश में 5G टेक्नोलॉजी के आने के बाद रक्षा क्षेत्र में भी इसका सीधा असर पड़ेगा। भारतीय सशस्त्र सेनाएं (Security Forces) 5जी की ताकत से आने वाले वक्त में स्मार्ट टेक्नोलॉजी (Technology) और एम्युनिशन के साथ-साथ स्मार्ट सोल्जर्स भी तैयार कर सकेंगी । देश में 5G के लॉन्च होने से आत्मनिर्भर भारत को तेज डाटा की ताकत मिली है। भारतीय सेना (Indian Army), वायु सेना (Airforce) और नौसेना (Navy) में 5G टेक्नोलॉजी से आने वाले दिनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर होने वाले तमाम सकारात्मक बदलाव होंगे। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक 5G टेक्नोलॉजी भारत की सेनाओं के लिए फोर्स मल्टीप्लायर साबित होंगी ।
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5G से बनेंगे स्मार्ट सोल्जर

सीमा के उन कठिन इलाकों में जहां इंसानों का हर वक्त मौजूद रहना मुश्किल है उन जगहों पर 5जी की मदद से स्मार्ट सोल्जर्स तैयार किए जा रहे हैं जो सेंसर के जरिए किसी भी अवांछित मूवमेंट को ट्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा रडार और ड्रोन टेक्नोलॉजी इसमें भी 5G तकनीक के आने से सेना को मदद मिल सकेगी। दुश्मन पर नजर रखने और युद्ध की स्थिति में रिएक्शन टाइम को कम करने में 5G टेक्नोलॉजी कारगर सिद्ध हो सकती है। भारत की सेना आजकल स्मार्ट एम्युनिशन पर काम कर रही है यानि ऐसे गोले बारूद जो कमांड और कंट्रोल के जरिए सटीक ढंग से दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकें और वह भी कम से कम वक्त में। 5G के आने से इस तरह के स्मार्ट एम्युनिशन प्रोजेक्ट को कई गुना तेजी मिलेगी।
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