कर्तव्य पथ पर गुजरात की रंगारंग झांकी, ‘धोरडोः गुजरात के सरहदी पर्यटन की वैश्विक पहचान’

Colorful Tableau of Gujarat Based: 75वें गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर ‘धोरडोः गुजरात के सरहदी पर्यटन की वैश्विक पहचान’ विषय पर आधारित गुजरात की रंगारंग झांकी प्रस्तुत की गई। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की सूची में शामिल धोरडो की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी।

‘धोरडोः गुजरात के सरहदी पर्यटन की वैश्विक पहचान’

75th Republic Day: अमृत काल के पहले गणतंत्र दिवस यानी 75वें गणतंत्र पर्व के अवसर पर 26 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित राष्ट्रीय परेड में गुजरात के पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने वाली झांकी ‘धोरडोः गुजरात के सरहदी पर्यटन की वैश्विक पहचान’ के नयनाभिराम प्रदर्शन ने सभी का मन मोह लिया।

गुजरात पर आधारित झांकी बनी आकर्षण का केंद्र

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने धोरडो को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की सूची में शामिल किया है। यह सीमावर्ती गांव अपनी जीवटता और ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के साथ ही राज्य एवं देश के सरहदी पर्यटन को बढ़ावा देता है। आज प्रस्तुत की गई गुजरात की यह सुंदर कलाकृतियों से सजी सतरंगी झांकी कर्तव्य पथ पर लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन गई थी।

यूएनडब्ल्यूटीओ की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की सूची में शामिल

पर्यावरणीय, भौगोलिक और प्राकृतिक विषमताओं से भरे कच्छ के रण में स्थित राज्य का सीमावर्ती गांव धोरडो अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद पर्यटन क्षेत्र में सिरमौर स्थल बनकर उभरा है। परंपरा, पर्यटन और टेक्नोलॉजी के शानदार संयोजन के कारण ही धोरडो को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की सूची में शामिल किया गया है, जो वास्तव में ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को साकार करता है। इस झांकी में कच्छ की पहचान बन चुके पारम्परिक घर ‘भूंगा’, रण उत्सव, टेंट सिटी, कच्छ की विभिन्न कढ़ाई-बुनाई कला और डिजिटल क्रांति को बहुत ही सुंदर तरीके से पेश किया गया था।
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