Vande Bharat Coaches: रेलवे का बड़ा प्लान, तैयार करेगा 8000 वंदे भारत कोच, होगा कायाकल्प

वंदे भारत कोच तैयार करने वाले चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को स्लीपर वेरिएंट के 3,200 वंदे भारत कोचों के लिए निविदाएं आमंत्रित करने के लिए अधिकृत किया गया है।

Photo: Twitter@Railways

Vande Bharat Trains: भारतीय रेलवे अपने वंदे भारत एक्सप्रेस बेड़े को पूरी तरह से बदलने जारी रही है। रेलवे इन सेमी-हाई स्पीड ट्रेनसेटों को वंदे भारत बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनसेट में आमतौर पर 16 कोच होते हैं। यह जरूरत के आधार पर रूटों पर आठ कोचों के साथ भी चलती है। इस साल रेल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कोच उत्पादन कार्यक्रम के अनुसार, तैयार होने वाले इन 8,000 कोचों में से लगभग दो-तिहाई को विनिर्माण और रखरखाव अनुबंधों के मौजूद मॉडल के तहत उद्योगों से लिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि 16 कोच वाले ट्रेनसेट की लागत आमतौर पर लगभग 130 करोड़ रुपये होगी।

आईसीएफ में 1,600 कोच बनाए जाएंगे

वंदे भारत कोच तैयार करने वाले चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को स्लीपर वेरिएंट के 3,200 वंदे भारत कोचों के लिए निविदाएं आमंत्रित करने के लिए अधिकृत किया गया है। अभी सभी वंदे भारत ट्रेनें केवल बैठने की सुविधा वाली हैं। जहां आईसीएफ में 1,600 कोच बनाए जाएंगे, वहीं अन्य दो उत्पादन इकाइयां, एमसीएफ-रायबरेली और आरसीएफ-कपूरथला प्रत्येक 800 कोच बनाएंगी। अधिकारियों ने कहा कि इन ट्रेनों को 2030-31 तक हर साल शुरू करने की योजना है।

700 वंदे भारत कोच इसी साल तैयार

एक अधिकारी ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में वंदे भारत रेक की कुल संख्या 75 तक पहुंच सकती है जो अभी 25 हैं। अधिकारियों के अनुसार, योजना के मुताबिक इनमें से लगभग 700 वंदे भारत कोच इस साल तैयार किए जाएंगे। इसके बाद 2024-25 में लगभग एक हजार कोच बनाए जाएंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा है कि वंदे भारत का पहला स्लीपर वर्जन 2024 की शुरुआत में शुरू हो सकता है। जबकि मौजूदा संस्करण का इस्तेमाल लगभग 500 किमी की दूरी वाली यात्राओं के लिए किया जाता है, जैसे शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनें।

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