लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक से भारत-चीन के 80-90 प्रतिशत सैनिकों की हुई वापसी, जानें क्या-क्या हटाया गया
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। जिसके बाद दोनों ओर से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई थी।

पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की लगातार हो रही वापसी
- गलवान घाटी हमले के बाद से सीमा पर थी तनातनी
- भारत और चीन की ओर से तैनात थे सैकडों सैनिक
- अब समझौते के बाद हो रही है वापसी
लद्दाख में भारत और चीन के समझौते के बाद लद्दाख से सैनिकों का हटना जारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार डेपसांग और डेमचोक से भारत-चीन के 80-90 प्रतिशत सैनिकों की वापसी हो गई है। मंगलवार तक सारी प्रक्रिया के पूरी होने की उम्मीद है।
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बुनियादी ढांचे भी हटाए जा रहे
ANI ने रक्षा सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए कहा कि भारत और चीन की सेनाओं द्वारा डेपसांग और डेमचोक में 80-90 प्रतिशत सैनिकों की वापसी पूरी हो चुकी है। इस प्रक्रिया में सभी प्रकार के बुनियादी ढांचे को हटाना और दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों को पीछे हटाना शामिल है। यह प्रक्रिया मंगलवार (29 अक्टूबर) तक पूरी होने की संभावना है।
23 अक्टूबर को हुआ था समझौता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बातचीत में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से सैनिकों के पीछे हटने और गश्त को लेकर हुए समझौते को अंतिम रूप दिया था। भारत ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने को लेकर चीन से हुए समझौते की 21 अक्टूबर को घोषणा की थी और बीजिंग ने एक दिन बाद इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि दोनों ‘‘पक्ष प्रासंगिक मामलों के समाधान’’ तक पहुंच गए हैं और वह (बीजिंग) इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए नयी दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा।
फिलहाल दो प्वाइंटों से सैनिकों की वापसी
भारतीय सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि समझौता केवल टकराव वाले इन दो बिंदुओं के लिए हुआ है तथा अन्य क्षेत्रों के लिए बातचीत अब भी चल रही है। सूत्रों ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टकराव वाले दोनों बिंदुओं पर गश्त शुरू होगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाकर अस्थायी ढांचों को नष्ट कर देंगे। उन्होंने कहा कि अंतत: गश्त का स्तर अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
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