जिस बच्चे को 'मृत' घोषित कर दिया गया हो उसमें अचानक 'जान' आ गई, झारखंड में CPR तकनीक से बचायी जान
CPR Save Childs Life: झारखंड के गिरिडीह में एक बच्चे की जान सीपीआर तकनीक से बचायी गई है, यहां मृत घोषित किये गए बच्चे के पीछे आधा घंटा तक डॉक्टर फजल और उनकी टीम ने मेहनत की और अंततः बच्चे की शरीर में जान आ गई।
झारखंड के गिरिडीह में एक बच्चे की जान सीपीआर तकनीक से बचायी गई है
गौरव सिंह की रिपोर्ट-
जिस बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया हो उसमें अचानक जान आ गई, यह वाक्य शायद ही किसी को हजम हो लेकिन ऐसा ही कुछ चमत्कार गिरिडीह में हुआ है। यहां बिच्छू के डंक मारने से जिस बच्चे की तबीयत पूरी तरह बिगड़ गई जिसे मृत घोषित कर दिया गया ऐसे बच्चे के शरीर में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर और उनकी टीम ने जान फूंक दी, यह सब आधे घंटे की मेहनत और कार्डियोपुलमोनरी रिस्यूसिटेशन (CPR) तकनीक से संभव हो सका है।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें? इस आसान तकनीक को सीख कर तुरंत बचा सकते हैं अपनों की जान
बताया गया कि मुफ्फसिल थाना इलाके के चेंगरबासा निवासी सनू टुडू का 13 वर्षीय पुत्र अमन टुडू को बिच्छू ने डंक मारा था। डंक मारने से अमन की तबीयत खराब हो गई, परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, यहां बच्चे को वार्ड के भर्ती किया गया, यहां बच्चे को कार्डिक अरेस्ट हो गया, बच्चे ने ऑक्सीजन लेना बंद कर दिया, हृदय की गति ने भी विराम ले लिया, प्रथम दृष्टया बच्चे को मृत समझ लिया गया, इस बीच वार्ड के मरीजों को देख रहे डॉ फजल अहमद पहुंचे।
आधे घंटे तक बच्चे को CPR दिया गया
बच्चे को आईसीयू ले जाया गया, यहां आईसीयू इंचार्ज अलीजान, कर्मी बिरेंद्र कुमार, अजीत कुमार के साथ डॉ फजल ने बच्चे को सीपीआर दिया गया, आधे घंटे तक बच्चे को सीपीआर दिया गया जिसके बाद बच्चे का हार्ड बीट समझ में आने लगा, बाद में मशीन से ऑक्सीजन दिया गया जिसके बाद बच्चे की जान बची, आईसीयू इंचार्ज अलीजान ने बताया कि अभी बच्चा खुद ही ऑक्सीजन ले रहा है और पूरी तरह से सुरक्षित है।
70 % हार्ट अटैक के मामले घरों में, CPR बचाएगा जान ! लेकिन 98 % भारतीयों को यूज करना नहीं आता
बच्चे को बिच्छू ने डंक मार दिया था
बच्चे के परिजन ने बताया कि मंगलवार की सुबह बच्चे को बिच्छू ने डंक मार दिया, डंक मारने से उसकी तबीयत बिगड़ी तो हमलोग झाड फूंक करवाने लगे, इसके बाद तबीयत और भी बिगड़ गई, बाद में लेदा से गाडी मांगवाकर बच्चे को सदर अस्पताल लाया गया, यहां पर पहले कहा गया कि बच्चा नहीं बचा है, इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर ने मेहनत की जिसके बाद बच्चे को बचाया जा सका, अधिवक्ता संघ के सचिव चुन्नूकांत ने कहा कि सदर अस्पताल के चिकित्सक व कर्मियों ने सेवा भाव से काम किया और बच्चे की जान बची।
सीपीआर तकनीक से बच्चे की जान बचायी
बच्चा लगभग मृत हो चुका था लेकिन डॉ फजल और टीम ने सीपीआर तकनीक से बच्चे की जान बचायी, कहा कि डॉ फजल ने पूरी ईमानदारी से मेहनत किया जिसका परिणाम है कि बच्चा अभी सुरक्षित है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
'संसद में मेरे खिलाफ की गईं अपमानजनक टिप्पणियां हटाई जाएं', स्पीकर से मिले राहुल, कहा- चलना चाहिए सदन
महाराष्ट्र: परभणी में संविधान के अपमान को लेकर भड़की हिंसा, कई जगह आगजनी, फूंकी दुकान-गाड़ियां
Cash for Job Scam: नौकरी घोटाले में अब ED की एंट्री, गोवा पुलिस से मांगी मामले से जुड़ी फाइलें; जानें क्या है पूरा मामला
संसद के अंदर विपक्ष का हंगामा और बाहर गांधीगिरी, राहुल ने राजनाथ को दिया गुलाब का फूल और तिरंगा
धनखड़ को पद से हटाने के प्रस्ताव पर राज्यसभा में भारी हंगामा, नड्डा-रिजीजू ने पूछा, सोनिया-सोरोस का क्या है संबंध?
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited